प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर पर FIR दर्ज की जाए या नहीं, 2 मार्च को निचली अदालत सुनाएगी फैसला
अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए या नहीं इस संबंध में दो मार्च को फैसला सुनाएगी. सीपीएम नेता वृंदा करात ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
नई दिल्ली: कोर्ट शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जारी प्रदर्शन के संबंध में कथित तौर पर जातीय घृणा भाषण देने वाले केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए या नहीं इस संबंध में दो मार्च को फैसला सुनाएगी. सीपीएम नेता वृंदा करात ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
पुलिस ने कहा- प्रथम दृष्टया कोई संज्ञेय अपराध नहीं मिला
दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा से कहा कि अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया कोई संज्ञेय अपराध नहीं मिला. पुलिस ने इसकी कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने के लिए कोर्ट से और समय भी मांगा. पुलिस ने कहा कि मामले पर कानूनी सलाह ली जा रही है.
अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा ने क्या कहा था
बीजेपी सासंद प्रवेश वर्मा ने 28 जनकारी को कहा था कि कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ वह दिल्ली में भी हो सकता है. साथ ही चेताया था कि शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लाखों लोग घरों में घुस कर लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ रेप कर सकते हैं. वहीं अनुराग ठाकुर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में 'गोली मारो' वाला विवादित नारा लगाय था.
चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं के बयानों के खिलाफ की थी कार्रवाई
बता दें कि इन बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने तब बीजेपी के दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की थी. प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार करने पर दो बार बैन लगा दिया. प्रवेश वर्मा पर कुल 96 घटे का बैन लगाया गया था. वहीं अनुराग ठाकुर का नाम बीजेपी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही अनुराग ठाकुर पर भी चुनाव प्रचार करने से बैन लगा दिया गया था.