नई दिल्ली: कोरोना वायरस जबसे आया है इसको लेकर तरह-तरह की बाते भी सामने आती रही है. कभी दावा किया गया कि गर्मी में इसका प्रभाव कम होगा तो कभी कहा गया कि ज्यादा उम्र के लोगों को अधिक खतरा है. लेकिन क्या अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों पर कोरोना का खतरा भी अलग है.


दरअसल जर्मनी और नॉर्वे के रिसर्चरों ने कोरोना के साथ अलग अलग रक्त समूहों के संबंध का अध्ययन किया. इस अध्यन में कई बातें सामने आई है. इनकी खोज को ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित किया गया. उन्होंने इटली और स्पेन के 1,610 मरीजों का अध्ययन किया, जिनमें कोविड-19 के कारण सांस लेने का तंत्र फेल हो गया था. ये गंभीर मामले से थे जिनमें से कई की जान चली गई.


क्या पता चला अध्यन में


अध्यन में पता कि कोरोना का सर्वाधिक खतरा ‘ए’ ब्लड ग्रुप वालों को है. जबकि ओ ब्लड ग्रुप वालों में कोरोना का खतरा सबसे कम है. अध्यन में पता चला कि अगर कोई A ब्लड ग्रुप वाला कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो उसे ऑक्सीजन देने या वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ने की संभावना ‘ओ’ ग्रुप वाले से दोगुनी होती है.


हालांकि उन्होंने साफ किया कि ऐसा बिल्कुल नहीं कि ओ ब्ल़ड ग्रुप वाले संक्रमित नहीं होंगे लेकिन यह जरूर है कि उनको खतरा कम है. बता दें कि ओ ग्रुप वाले यूनिवर्सल डोनर भी होते हैं यानि जरूरत पड़ने पर उनका खून किसी को भी चढ़ाया जा सकता है.