नई दिल्ली: कोरोना संकट से निजात दिलाने के लिए वैक्सीन आने का इंतजार है. अमेरिका, रूस, ब्रिटेन के अलावा भारत में भी कोरोना वैक्सीन पर काम जोरों पर है. भारत में भी वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है. देश में हैदराबाद की भारत बायोटेक और अहमदाबाद की जाइडस कैडिला कंपनी ने ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने इन वैक्सीनों के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी है.
भारत की पहली संभावित वैक्सीन
भारत की पहली संभावित कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सिन का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल दिल्ली, पटना, भुवनेश्वर, चंडीगढ़ समेत देश के 12 हिस्सों में चल रहा है. कोवैक्सिन का निर्माण भारत बायोटेक, आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) ने मिलकर किया है. इसकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के हैदराबाद कारखाने में की जाएगी.
जायडस कैडिला ने क्लिनिकल ट्रायल का दूसरा चरण शुरू
भारतीय दवा बनाने वाली कंपनी जायडस कैडिला ने प्लाज्मिड डीएनए वैक्सीन 'जायकोवी-डी' का 6 अगस्त से दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है. पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण हानिरहित और सहनीय रहा था. कंपनी ने कहा कि पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में वैक्सीन की खुराक दिए जाने पर स्वयंसेवी स्वस्थ पाए गए. उन्होंने इस खुराक को अच्छी तरह सहन कर लिया. परीक्षण 15 जुलाई को शुरू हुआ था.
भारतीय दवा कंपनी अरविंदो फार्मा
हैदराबाद स्थित भारतीय दवा कंपनी अरविंदों फार्मा भी कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही है. इसके लिए कंपनी को जैव प्रौद्योगिकी विभाग से वित्त पोषण के लिए मंजूरी भी मिल गई है. कंपनी न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) विकसित कर रही है. कंपनी ने पहले और दूसरे चरण के अध्ययन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल दिसंबर 2020 तक शुरू होने का अनुमान है. अरविंदो फार्मा ने कहा कि वैक्सीन साल 2021-22 के अंत तक पेश किया जा सकता है.
इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी. सीरम इंस्टीट्यूट एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रही है, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है. इसका भारत में अगस्त में मानव परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है.
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