भारत और अफगानिस्तान के बीच किन-किन सामानों का होता है आयात-निर्यात, यहां देखें लिस्ट
भारत-अफगानिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी समृद्ध रहे हैं. तालीबान संकट के बाद रिश्ते कैसे रहेंगे इस पर संशय है. ऐसे में जानना जरूरी है कि किन-किन सामानों का दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात होता है
नई दिल्लीः अफगानिस्तान पर एक बार फिर से तालिबानियों ने कब्जा जमा लिया है. जिसके बाद वहां राजनीतिक संकट गहरा गया है. वहीं अफगानिस्तान की धरती पर जारी संकट के बीच भारत की सुरक्षा एजेंसियां और चौकन्ना हो गया है. अफगानिस्तान में उभरे राजनीतिक संकट के बीच भारत को कई मोर्चे पर सतर्क रहना पड़ेगा. वहां के मौजूदा हालत के कारण दोनों देशों के बीच सामरिक के अलावे व्यापारिक रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है.
तालीबानियों के कब्जे के बाद दोनों देशों के बीच कई साल से जारी दोस्ती में दरार आने की आशंका बनी हुई है. दोनों देशों के बीच पिछले कई साल से व्यापारिक रिश्ते रहे हैं ऐसे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.
मौजूदा वक्त को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात पर भी काफी असर पड़ सकता है. ऐसे में हमारे लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि भारत अफगानिस्तान से किन चीजों का आयात करता है और वहां के लिए किन चीजों का निर्यात करता है.
भारत अफगानिस्तान से क्या मंगवाता है
सबसे पहले हम जानेंगे कि अफगानिस्तान से भारत में क्या क्या मंगवाता है. बता दें कि अफगानिस्तान के उत्पादकों का दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा बजारा भारत है. इस लिस्ट में ड्राइ फ्रूट सबसे ऊपर है. अफगानिस्तान से भारत को मुख्य रूप से मेवे और फल मिलते हैं.
अफगानिस्तान भारत के लिए किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, सूखी खूबानी का निर्यात भारत के लिए करता है. वहीं भारत अफगानिस्तान से ताजे फल जैसे अनार, सेब, चेरी, खरबूजा, तरबूजा और मसाले जैसे हींग, जीरा और केसर का भी आयात करता है.
अफगानिस्तान भारत के लिए खुबानी और चेरी फल भी भारत के लिए भेजता है. इसके अलावा औषधीय जड़ी बूटियां भी भारत अफगानिस्तान से निर्यात करता है. सीम के नजदीक होने के कारण अफगानिस्तान भारत में जल्द इन उत्पादों का निर्यात कर देता है.
क्या भेजता है भारत
भारत अफगानिस्तान को चाय और कॉपी भेजता है. इसके अलावा कपास और काली मिर्च का निर्यात भी करता है. इसके अलावा भारत की ओर से अफगानिस्तान में हजारों करोड़ की परियोजनाओं में निवेश किया गया है. इनमें से कई परियोजनाओं पर अभी काम जारी है.