Ashok Gehlot Paper Leak Case: राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संघर्ष (Rajasthan Congress Political Crisis) के बीच सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार (29 सितंबर) की दोपहर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी. करीब डेढ़ घंटे तक चली बातचीत के बाद गहलोत ने बाहर आकर यह एलान किया था कि वह अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव (Congress President Election) नहीं लड़ेंगे.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि जयपुर आए पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में होने वाली विधायक दल की बैठक (Legislature Party Meeting) में एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाना उनकी विधायक दल के नेता के रूप में नैतिक जिम्मेदारी थी लेकिन वह ऐसा नहीं करवा सके जिसका उन्हें खेद है और खुद भी बहुत ज्यादा आहत हुए हैं.
गहलोत जब सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए जा रहे थे तब उनके हाथ में एक कागज था जो मीडिया के कैमरों में कैद भी हुआ था. गहलोत ने अपने हाथ में जो कागज पकड़ा हुआ था वो उन्होंने खुद मीडिया को लीक किया था क्योंकि अगर उन्हें कागज मीडिया कि नजर से बचाना था तो वह उसे फोल्ड करके भी ले जा सकते थे. गहलोत के हाथ में जो कागज था, उसका कुछ हिस्सा उनके हाथ में छुपा था तो काफी हिस्सा पढ़ा जा सकता था. अब गहलोत का यह माफीनामा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
क्या कुछ लिखा था कागज में
इस कागज में कुछ बिंदुओं में लिखावट की गई थी जिसमें गहलोत ने कुछ सांकेतिक शब्द भी इस्तेमाल किए थे. इस कागज पर जो कुछ लिखा था वो गहलोत की अपनी हैंड राइटिंग में था. कागज की पहली लाइन बिल्कुल साफ पढ़ने में आ रही थी, जिसमें लिखा था, ''जो हुआ बहुत दुःखद है, मैं भी बहुत आहत हूं.'' इसके बाद अगली लाइन पूरी तरह से पढ़ने में नहीं आ रही थी लेकिन समझा जा सकता है कि गहलोत ने आगे के शब्द क्या लिखे होंगे.
यह लाइन थी, ''राजनीति में हवा बदलते देख साथ …'' इस लाइन को बस यहीं तक पढ़ा जा सकता था लेकिन इसके आगे गहलोत ने लिखा होगा कि ''...छोड़ देते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.'' यह बात गहलोत ने राजस्थान में विधायक दल की रविवार (25 सितंबर) को होने वाली बैठक से पहले हुए ड्रामे को लेकर लिखी होगी, जिसका मतलब है कि राज्य में हवा बदलने की आशंका के बावजूद उनके समर्थकों ने पाला नहीं बदला.
राहुल गांधी से मुलाकात का जिक्र
इसके बाद कागज की अगली लाइन थी, ''RG 1 घंटे - SP/CP (PM).'' यहां आरजी का मतलब है राहुल गांधी, एसपी का मतलब सचिन पायलट और सीपी मतलब डॉ. सीपी जोशी, जो कि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर हैं.
एक घंटे का हवाला गहलोत ने राहुल गांधी से एक घंटे की मुलाकात को लेकर दिया होगा, लेकिन पीएम शब्द को यहां लिखने की मंशा को समझ सकना थोड़ा मुश्किल है. इसके आगे गहलोत लिखते हैं, ''SP will leave parti- observer, पार्टी के लिए अच्छा होता.''
यह लाइन गहलोत ने सचिन पायलट की दो साल पहले की बगावत को लेकर लिखी होगी और उन्होंने संकेत दिया होगा कि तब पार्टी पर्यवक्षकों ने कहा था कि पायलट पार्टी छोड़ देंगे, ऐसा पार्टी के लिए अच्छा होता.
और क्या लिखा गया था?
गहलोत के कागज में आगे लिखा था, ''पहला प्रदेश अध्यक्ष जिसने...'' इसका मतलब यह होगा कि गहलोत ने सोनिया को बताया कि सचिन पहले ऐसे अध्यक्ष थे जिन्होंने अपनी ही सरकार को गिराने के लिए बगावत की थी.
गहलोत ने आगे लिखा, ''102 v/s SP+18.'' इसका मतलब है कि बगावत के वक्त 102 विधायक एक तरफ थे जबकि सचिन पायलट के साथ कुल 18 विधायक थे. आगे गहलोत के कागज में लिखा था, ''10 cr -BJP कार्यालय.'' इसका मतलब होगा कि सचिन की बगावत के वक्त बीजेपी दफ्तर से विधायकों को दस-दस करोड़ दिए गए थे.
गहलोत के कागज में आगे लिखा था, ''विधायकों में भय.'' इसका अर्थ कि रविवार को जयपुर में जो हुआ वो विधायकों में पनपे भय की वजह से हुआ क्योंकि ऐसी चर्चा थी कि पायलट सीएम बन रहे हैं.
कागज में इन लोगों का भी जिक्र
इस कागज में आगे गुंडागर्दी, पुष्कर, शकुंतला और चांदना जैसे शब्द लिखे थे. इन शब्दों को जोड़ें तो समझा जा सकता है कि गहलोत पिछले दिनों गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के दौरान हुई घटना का जिक्र कर रहे हैं.
दरअसल, कर्नल बैंसला के अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम पिछले दिनों पुष्कर में हुआ था. इस दौरान बड़ी संख्या में गुर्जर लोग जमा हुए थे. इस दौरान जब राजस्थान के दो गुर्जर मंत्री शकुंतला रावत और अशोक चांदना मंच पर भाषण दे रहे थे तब सभा में जमकर विरोध हुआ था और लोगों ने जूते-चप्पल फेंककर इन दोनों को भाषण नहीं देने दिया था. गहलोत इसे सचिन खेमे की गुंडागर्दी बता रहे हैं.
यह तो बात हुई उस कागज के मजमून की लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर गहलोत ने इसे मीडिया को लीक क्यों किया? इसकी जो वजह समझ आती है वो यह कि गहलोत अपने खेमे के लोगों को यह बताना चाहते थे कि उन्होंने सभी बातें आलाकमान को बता दी हैं.
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