डेटा लीक: कैंब्रिज एनेलिटिका के व्हिसल ब्लोअर ने कहा- भारत में कांग्रेस थी क्लाइंट, बीजेपी बोली- माफी मांगे राहुल
डेटा लीक का खुलासा करने वाले क्रिस्टोफर वायली ने कहा है कि ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका भारत में बड़े पैमाने पर काम करती थी.
नई दिल्ली: फेसबुक डेटा लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ब्रिटेन की संसदीय समिति के सामने पर्सनल डेटा डॉट आईओ के सह-संस्थापक पॉल ओलिवियर देहया ने चौंकाने वाली जानकारी दी है. ओलिवियर ने कहा कि उन्होंने ऐसी खबरें सुनी थीं कि ब्रिटिश कंपनी की तरफ से भारत में काम कर रहे डॉन मुरेसन को एक भारतीय अरबपति ने रुपये दिये थे, जो चाहते थे कि कांग्रेस चुनाव हार जाए. बाद में मुरेसन की केन्या में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गयी थी.
इससे पहले डेटा लीक का खुलासा करने वाले क्रिस्टोफर वायली ने कहा है कि ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका भारत में बड़े पैमाने पर काम करती थी. वायली इस कंपनी में डाटा साइंटिस्ट के पद पर काम कर चुके हैं. वायली ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत में कांग्रेस कंपनी की क्लाइंट थी. वायली ने ये जानकारी ब्रिटिश संसद की डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स कमेटी के सामने दी है. वायली से पूछा गया था कि क्या उनकी कंपनी ने भारत में भी काम किया है.क्रिस्टोफर वायली ने क्या कहा- ''मेरे विचार में भारत में कैंब्रिज एनेलिटीका की क्लाइंट कांग्रेस पार्टी थी, पर उन्होंने हर किस्म के प्रोजेक्ट्स किए है. राष्ट्रीय स्तर पर तो किसी प्रोजेक्ट का मुझे नहीं पता पर क्षेत्रीय स्तर पर काम हुआ है. भारत इतना बड़ा देश है कि एक राज्य ही ब्रिटेन के बराबर बड़ा हो सकता है. कैंब्रिज एनेलिटीका के भारत में दफ्तर है, उनका स्टाफ है, मेरे पास इससे जुड़े कुछ दस्तावेज हैं, अगर जरूरत पड़ी तो मैं उन्हें पेश कर सकता हूं.''
क्रिस्टोफर वायली हैं कौन-
- कैंब्रिज एनेलिटिका कंपनी को शुरू करने में मदद की - कैंब्रिज एनेलिटिका कंपनी के डाटा साइंटिस्ट थे - गैर कानूनी कामों की जानकारी के बाद कंपनी छोड़ी - फेसबुक डाटा लीक होने का खुलासा किया था
- फेसबुक से डाटा लेने के लिए एप बनाया था - फेसबुक से 5 करोड़ लोगों का डाटा चुराया - अमेरिकी चुनाव में चुराया था 5 करोड़ लोगों का डाटा
कैम्ब्रिज एनेलिटिका की सफाई- वायली ने गलत जानकारी दी
ब्रिटेन की संसदीय कमेटी के सामने क्रिस्टोफर वायली के बयान पर कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी का भी सफाई आई है. जिसमें कहा गया है, ''डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट कमेटी ने एक गवाह से कैम्ब्रिज एनेलिटिका के बारे में गलत जानकारी, हवाई बातें और पूरी तरह साजिश से भरी कहानियां सुनी हैं. क्रिस्टोफर वायली ने खुद को और कंपनी को गलत तरीके से कमेटी के सामने पेश किया. उसने खुद कहा कि ये उसका सिर्फ अंदाजा है, जबकि तथ्य कुछ और हैं. क्रिस्टोफर वायली सिर्फ एक पार्ट टाइम कान्ट्रैक्टर था जो जुलाई 2014 में कैम्ब्रिज एनेलिटिका को छोड़ चुका है. उसे कंपनी के कामकाज की सीधे कोई जानकारी नहीं थी. वो एक साल से भी कम समय तक कंपनी में रहा.''
बीजेपी-कांग्रेस का आरोप-प्रत्यारोप जारी
वायली के बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी कह रही है कि राहुल गांधी माफी मांगे वहीं कांग्रेस का कहना है कि सरकार झूठे आरोप ना लगाए, FIR दर्ज कर जांच करा लें.
केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविशंकर प्रसाद के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ''कानून मंत्री प्रसाद लगातार झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कानून मंत्री टीवी के माध्यम से इल्जाम लगाकर भाग जाते हैं. उनकी सरकार है वह क्यों नहीं इस मामले में FIR दर्ज करवाते हैं. उनके पास सबूत हैं तो वह एक्शन लें. दरअसल, उन्हें डर है कि इस मामले में जांच हुई तो वे बेनकाब हो जाएंगे.''
कैम्ब्रिज एनालिटिका के सर्विस लेने पर बीजेपी और कांग्रेस में पिछले कई दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक डेटा लीक के कारण विवादों में घिर गया है. दावा किया जा रहा है कि फेसबुक पर करीब 5 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियां लीक हुईं जिसका फायदा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के लिए काम कर रही फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उठाया. आरोप हैं कि फर्म ने वोटर्स की राय को मैनिप्युलेट करने के लिए फेसबुक यूजर्स डेटा में सेंध लगाई. इस मामले में फेसबुक के संस्थापक जकरबर्ग से जवाब तलब किया गया है.