व्हाइट हाउस के CMA एंथनी फाउची बोले- कोवैक्सीन कोरोना वायरस के 617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बार बार कहा गया कि भारत में बनी दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर है और वैरिएंट पर भी कम करेगी. इस बात को अब अमेरिका भी मान रहा है.
नई दिल्ली: भारत में बनी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन काफी असरदार है और 617 वैरिएंट के खिलाफ कारगर है. खुद व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ एंथनी फाउची ने ये बात कही है. उन्होंने साफ कहा कि कोरोना की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ वायरस के 617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर है.
कोरोना वायरस म्युटेशन की खबरें लगातार आ रही हैं और लगातार इसके वैरिएंट की खबरें भी आ रही हैं. यूके वैरिएंट, ब्राज़ील वैरिएंट, साउथ अफ्रीका वैरिएंट.... हर वैरिएंट कितना संक्रामक है इसको लेकर चर्चा है. वहीं दुनिया भर में सामने आ रहे वैरिएंट और म्युटेशन पर कोरोना की वैक्सीन काम करेगी इसको लेकर सवाल उठ रहे है.
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बार बार कहा गया कि भारत में बनी दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर है और वैरिएंट पर भी कम करेगी. इस बात को अब अमेरिका भी मान रहा है. अमेरिका में महामारी विज्ञान के प्रमुख विशेषज्ञ और व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ एंथनी फाउची ने कहा है कि भारत में बनी भारत बायोटेक और ICMR की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ कोविड19 वायरस के 617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर है.
उन्होंने कहा कि हम अभी भी रोज डेटा जुटा रहे हैं, लेकिन हाल ही में एक डेटा कोविड-19 का कॉन्वालैसेंट सेरा और भारत में उन लोगों के बारे में जानकारी जुटा रहा था, जिन्होंने कोवैक्सीन ली है, जिसमें पाया गया है कि यह 617 वैरिएंट्स पर असरदार है.
उनकी बातों से साफ है कि भारत बायोटेक और ICMR की ये स्वदेशी वैक्सीन काफी कारगर है. नए वैरिएंट पर भी. इस वैक्सीन के दिल्ली के एम्स में क्लीनिकल ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रहे डॉ संजय राय के मुताबिक ये वैक्सीन काफी कारगर है क्योंकि whole viron inactivated वायरस से बना है ये पूरे वायरस के खिलाफ कारगर है.
इसे पहले इस वैक्सीन को जब मंजूरी दी गई थी तब उसको लेकर कई सवाल उठाए गए थे. लोगों से लेकर राजनीतिक दल ने. लेकिन लगातार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसको लेकर यही कहता रहा कि ये क्लीनिकल ट्रायल से गुजरी वैक्सीन है और सेफ्टी एफिकेसी साबित करने के बाद मंजूरी दी गई है. वहीं तीसरे चरण के अंतरिम नतीजों के मुताबिक इसकी एफिकेसी करीब 78% है.
भारत बायोटेक ने ICMR के NIV, पुणे के साथ मिलकर ये वैक्सीन तैयार की है. इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल भारत में हुआ है और 3 जनवरी को इसे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है.
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