Explained: कौन हैं हेल्थ केयर वॉलेंटियर आशा वर्कर्स, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया सम्मानित?
ASHA Workers: महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) सरकार की कई स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम लोगों के बीच पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
Who Are ASHA Workers: भारत की लाखों महिला आशा कार्यकर्ताओं को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समुदाय को सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जोड़ने के प्रयासों के लिए देश की 10.4 लाख आशा कार्यकर्ताओं (ASHA Workers) को 'ग्लोबल हेल्थ लीडर' के रूप में मान्यता दी है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) और स्वास्थ्य मंत्री ने बधाई संदेश दिए हैं. हालांकि देश में हेल्थ केयर वॉलेंटियर अधिक वेतन, स्थाई नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले साल सितंबर में अपनी मांगों को लेकर देश भर से आशा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर पड़ीं थीं.
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) सरकार की कई स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम लोगों के बीच पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत इन सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की भूमिका पहली बार 2005 में स्थापित की गई थी. आशा मुख्य रूप से विवाहित, विधवा या समुदाय के भीतर से 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच की तलाकशुदा महिलाएं हैं. कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कक्षा 8 तक औपचारिक शिक्षा के साथ साक्षर होना चाहिए.
कौन हैं आशा कार्यकर्ता?
आशा कार्यकर्ता समुदाय के भीतर से हेल्थ केयर वॉलेंटियर हैं. ये सरकार की कई स्वास्थ्य योजनाओं के लाभों को लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती हैं. आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचने में लोगों को जानकारी प्रदान करने और सहायता करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. ये कार्यकर्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप-केंद्रों और जिला अस्पतालों जैसी सुविधाओं से जोड़ने वाले एक सेतु के रूप में कार्य करते हैं. इन महिलाओं की औपचारिक योग्यता 8वीं कक्षा तक शिक्षित होना है. इनके पास बेहतर संचार और नेतृत्व कौशल होना चाहिए.
भारत में कुल कितनी आशा कार्यकर्ता?
देश भर में लगभग 10.4 लाख आशा कार्यकर्ता हैं. अधिक आबादी वाले राज्यों में सबसे बड़े कार्यबल के रूप में उत्तर प्रदेश में करीब 1.63 लाख आशा कार्यकर्ता हैं. बिहार में 89,437, और मध्य प्रदेश में 77,531 आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं. सितंबर 2019 से उपलब्ध नवीनतम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों के मुताबिक गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां अभी तक कोई भी आशा कार्यकर्ता नहीं है. आशा कार्यकर्ताओं को रखने का मकसद पहाड़ी से लेकर आदिवासी या फिर कम आबादी वाले क्षेत्रों में हर 1000 व्यक्तियों या प्रति बस्ती के लिए एक आशा कार्यकर्ता निर्धारित है.
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आशा कार्यकर्ताओं का क्या है काम?
देश भर में 10 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य के क्षेत्र (Health Sector) में लोगों की मदद के लिए काम कर रही हैं. वो घर-घर जाकर बुनियादी पोषण, स्वच्छता प्रथाओं और उपलब्ध सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करती हैं. महिला आशा कार्यकर्ता मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने पर ध्यान फोकस करती हैं कि महिलाएं प्रसव पूर्व जांच कराएं, गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लें.
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