Pegasus Probe: कौन हैं वे जिनको सुप्रीम कोर्ट ने सौंपा है पेगासस जासूसी कांड की जांच का जिम्मा ?
Pegasus Probe: पेगासस कथित जासूसी कांड मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और उस तीन सदस्यीय कमेटी के कामकाज की निगरानी के लिए तीन और लोगों की कमेटी का गठन किया है.
Pegasus Probe: पेगासस कथित जासूसी कांड मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और उस तीन सदस्यीय कमेटी के कामकाज की निगरानी के लिए तीन और लोगों की कमेटी का गठन किया है. निगरानी रखने वाली इस कमेटी में रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस आर वी रवींद्रन, पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और तकनीकी जानकार संदीप ओबेरॉय शामिल हैं. वहीं, तकनीकी कमेटी में डॉक्टर नवीन कुमार, डॉक्टर अश्वनी गुमस्ते और डॉक्टर पी प्रभारन का नाम शामिल हैं.
बता दें कि जिन तीन लोगों की तकनीक कमेटी जो पेगासस कथित जासूसी मामले की जांच करेगी आखिर वे कौन हैं? ये वे लोग हैं जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस कथित जासूसी कांड की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस कमेटी में नाम है-डॉ. नवीन कुमार चौधरी का जो गुजरात में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय में डीन के तौर पर काम कर रहे हैं. डॉ चौधरी साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में एक्सपर्ट माने जाते हैं. वहीं, डॉ.अश्विन अनिल गुमस्ते का नाम भी शामिल है, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.
इसके अलावा डॉ. प्रभारन पी, केरल में अमृता विश्व विद्यापीठम में इंजीनियरिंग स्कूल में प्रोफेसर के तौर पर जुड़ी हुई हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज त्रिवेंद्रम के आर्किटेक्चर विभाग से मास्टर ऑफ हाउसिंग, जवाहरलाल नेहरू आर्किटेक्चर एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी- हैदराबाद से पीएचडी और इग्नू से पीजीडीआईएम, इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिवेंद्रम, केरल विश्वविद्यालय (1988) से बी.आर्क, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई (2000) से एम.आर्क की पढ़ाई की हैं. केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग से अलग होने के बाद 1994 में वास्तुकला विभाग, सीईटी, केरल से जुड़ी हुई हैं.
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