WHO On Coronavirus Origin: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने बुधवार को चीन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए कोविड-19 से संबंधित डेटा साझा करने का आह्वान किया. संगठन की वेबसाइट पर एक बयान में डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "हम चीन से इस वायरस की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए अनुरोध किए गए अध्ययनों और डेटा साझा करने के लिए कहते हैं."


बता दें कि चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस के मामले आने शुरू हुए थे. वहीं, हाल ही में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया कि कोरोना वायरस एक मैन मेड वायरस था. अमेरिकी वैज्ञानिक ने अपनी किताब में कहा कि इस वायरस को बनाने के लिए अमेरिका भी चीन के साथ जिम्मेदार है. 


कैसे फैला वायरस?


रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशेषज्ञों ने वायरस की उत्पत्ति पर अब तक दो प्रमुख सिद्धांतों को सामने रखा है. पहला सिद्धांत यह है कि SARS-CoV-2 एक प्राकृतिक जूनोटिक स्पिलओवर का परिणाम है. वहीं दूसरा सिद्धांत यह है कि वायरस ने एक शोध से संबंधित घटना के परिणामस्वरूप मनुष्यों को संक्रमित किया. WHO प्रमुख ने कहा कि उन्हें "उम्मीद" है कि अगले साल COVID-19 महामारी को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं माना जाएगा.


'हमने एक लंबा सफर तय किया है'


उन्होंने याद किया कि एक साल पहले, ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान की गई थी और और उस समय कोरोना के कारण हर हफ्ते 50,000 लोग मर थे, लेकिन पिछले हफ्ते वैश्विक स्तर पर 10,000 से कम लोगों ने अपनी जान गंवाई. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी बहुत कुछ है जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती है. WHO प्रमुख ने कहा कि हमने एक लंबा सफर तय किया है.


जनवरी में होगी महत्वपूर्ण बैठक


डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि जनवरी में आपातकालीन समिति की अगली बैठक के दौरान आपातकाल की समाप्ति की घोषणा के मानदंड पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि वायरस "दूर नहीं जाएगा," लेकिन सभी देशों को "इन्फ्लूएंजा और आरएसवी (RSV) सहित अन्य सांस की बीमारियों के साथ इसे प्रबंधित करना सीखना होगा, क्योंकि ये दोनों अब कई देशों में तीव्रता से फैल रहे हैं."


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