Monkeypox Virus Infection: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को विश्व के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. चूंकि, दुनिया के कई देशों में मंकी पॉक्स से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, लिहाजा सवाल उठ रहे हैं कि भारत इस वायरस को रोकने के लिए कितना तैयार है?


विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से चेतावनी जारी होने के बाद केंद्र और राज्य दोनों सरकारें हरकत में आ गई हैं, जिसके बाद से लगातार उच्च स्तरीय बैठकें जोरों पर की जा रही हैं. इसके अलावा वायरस को फैलने से रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश तेजी से बनाए जा रहे हैं. जिन्हें धीरे धीरे जारी किया जा रहा है.


अभी तक भारत में नहीं आया कोई केस 


इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रीजेपी नड्डा ने मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीमारी के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सावधानी बरतने के उपाय किए जाएंगे. हालांकि, अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है.


मंकीपाक्स से बचने के लिए भारत क्या कर रहा उपाय?



  1. मंकीपॉक्स को कंट्रोल करने के लिए भारत अपने निवारक उपायों को बढ़ा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय, देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों को सलाह जारी करने की तैयारी करस कर रहा है, जिसमें उन्हें सतर्क रहने और संदिग्ध मामलों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का निर्देश दिया गया है.

  2. तमिलनाडु में, सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. इसके अलावा एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों स्वास्थ्य अधिकारी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और मध्य अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. साथ ही हैदराबाद और नई दिल्ली में भी एयरपोर्ट्स को अलर्ट किया गया है.

  3. मंकीपॉक्स के वायरस का खतरा पुरुष और पुरुष के बीच यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में ज्यादा होता है. इसके अलावा एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वालों को भी इसका ज्यादा खतरा है. इसलिए लोगों को इनसे बचने की सलाह दी गई है.

  4. एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है. यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित बीमारी होती है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई थी. इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई.

  5. एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर किसी के संपर्क में आने से फैलती है. अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा जा चुका है. यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है. इससे शरीर में मवाद से भरे दाने भी होते हैं. मपॉक्स का प्रकोप, एक वायरल संक्रमण जो निकट संपर्क से फैलता है.

  6. डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्‍स को लेकर इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. पाकिस्‍तान में इस वायरस ने दस्‍तक दे दी है. ऐसे में भारत में भी अगर ये वायरस दस्‍तक दे देता है, तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी. 

  7. इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए डब्लूएचओ ने तीन सालों में दूसरी बार इमरजेंसी की घोषणा की है. इससे पहले, 2022 में भी ऐसा देखने को मिला था. उस समय इस वायरस ने एक या दो नहीं, बल्कि 100 से भी अधिक देशों में अपना कहर दिखाया था.

  8. मंकीपॉक्‍स का क्‍लेड वन वेरिएंट जो अभी सेंट्रल अफ्रीका में फैला हुआ है वह इसके पहले आए क्‍लेड 2 स्‍ट्रेन से ज्‍यादा गंभीर है. यही वजह है कि मध्‍य अफ्रीका में मंकीपॉक्‍स के केस लगातार बढ़ रहे हैं और वहां डेथ भी हुई हैं. इस बीमारी का डेथ रेट 11 फीसदी है.

  9. हालांकि, एमपॉक्‍स COVID-19 जैसा खतरनाक वायरस नहीं है. ऐसे उपकरण हैं, जो प्रसार को रोकने और जोखिम वाले लोगों की मदद करने के लिए कारगर साबित हुए हैं, और यह इतनी आसानी से नहीं फैलता है. अब चुनौती ये है कि इसे कैसे दुनियाभर में फैलने से रोका जाए.

  10. डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों को अलर्ट रहने का भी निर्देश दिया है, ताकि आगे स्थिति और खराब न हो जाए. 


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