लगातार दूसरी बार ओम बिरला लोकसभा स्पीकर बने हैं. गुरुवार (27 जून, 2024) को उन्होंने अपना पद ग्रहण किया और तब से वह चर्चाओं में हैं. वह अपने राजनीतिक सफर में कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं और दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया है. ओम बिरला ने राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से चुनाव जीता है. इस बीच उनकी छोटी बेटी अंजली बिरला को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. अंजली एक आईएएस ऑफिसर हैं और इसे लेकर सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं.


कुछ लोगों का कहना है कि ओम बिरला की मॉडल बेटी अचानक से आईएएस की परीक्षा देती हैं और पहले ही प्रयास में सफल भी हो जाती हैं. अंजली ने साल 2019 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी. उन्होंने पहले ही अटेंप्ट में सफलता हासिल की और इस समय वह रेल मंत्रालय में आईएएस अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं.


पहले ही प्रयास में पास की यूपीएससी की परीक्षा
अंजली बिरला ने 2019 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा दी थी, जिसके नतीजे 2020 में घोषित किए गए और 2021 में उनकी पोस्टिंग हुई. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 2020 में एक रिजर्व लिस्ट जारी की थी, जिसमें जनरल, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और एससी कैटेगरी के 89 उम्मीदवार थे. इसमें अंजली बिरला का भी नाम था.


कहां से पढ़ी हैं अंजली बिरला?
अंजली की प्राथमिक शिक्षा राजस्थान के कोटा में ही हुई है. बारहवीं उन्होंने कोटा के सोफिया गर्ल्स कॉलेज से की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गईं. अंजली बिरला ने आईएएस अधिकारी बनने का श्रेय उनके पिता और बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को दिया. उनका कहना है कि इन दोनों ने ही उनको सपोर्ट किया और ओम बिरला चाहते थे कि अंजली बिरला सिविल सेवा में अपना करियर बनाएं. 


आईएएस अधिकारी बनने पर उठे थे सवाल
साल 2021 में अंजली बिरला की पोस्टिंग के दौरान भी सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी सफलता को लेकर सवाल खड़े किए थे. कुछ ने यहां तक कहा कि उनकी बैकहैंड एंट्री हुई है और बिना कोई परीक्षा दिए वह पहले ही अटेंप्ट में आईएएस अधिकारी बन गईं. कुछ का यह भी कहना था कि उनके पिता के ऊंचे पद का उनको फायदा मिला है. इन सवालों पर अंजली बिरला ने कहा कि यह देश की सबसे पारदर्शी परीक्षा है और इतने सम्मानजनक संस्थान पर सवाल खड़े नहीं किए जाने चाहिए.


उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा तीन स्टेज में होती है और इसमें लगभग एक साल का समय लग जाता है. आईएएस अधिकारी बनने के लिए तीनों एग्जाम पास करना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया बहुत पारदर्शी होती है और बैकहैंड एंट्री की कोई गुंजाइश ही नहीं है.


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