Amit Shah Fake Video Row: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने अरुण रेड्डी नाम के एक शख्स को शुक्रवार (4, मई) को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, अरुण रेड्डी स्पिरिट ऑफ कांग्रेस (spirit of congress) नाम से एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट को ऑपरेट कर रहा था. आइए, जानते हैं अरुण रेड्डी कौन है और इस मामले में आगे क्या होगा?
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से जुड़े एक वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी एडिटेड वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने को लेकर नोटिस भेजा गया था. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए अरुण रेड्डी पर शिकंजा कसा और उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया.
कौन हैं अरुण रेड्डी?
अरुण रेड्डी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, वह कांग्रेस के 'स्पिरिट ऑफ कांग्रेस' नाम का एक्स अकाउंट देखते हैं. रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने अमित शाह से जुड़े फेक वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. 'स्पिरिट ऑफ कांग्रेस' के एक्स अकाउंट की प्रोफाइल फोटो में अरुण रेड्डी का फोटो लगा है, जिसमें राहुल गांधी की तस्वीर भी है. एक्स अकाउंट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, उन्होंने खुद को AICC का नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बताया है. रेड्डी पर अपने मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है.
कांग्रेस ने की रिहाई की मांग
अरुण रेड्डी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, दिल्ली पुलिस ने बिना किसी जानकारी या FIR का खुलासा किए बिना अरुण रेड्डी को गिरफ्तार किया है. हम अरुण की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं.
हिरासत में भेजे गये अरुण रेड्डी
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (4, मई) की रात को अरुण रेड्डी को जज के सामने पेश किया. इसके बाद उन्होंने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की गई एफआईआर में आईपीसी की धारा 120बी को भी जोड़ा है, जो आपराधिक साजिश के लिए लगाई जाती है.
क्या है फेक वीडियो केस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो बीते महीने सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में अमित शाह SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, वीडियो में दिख रहा दावा फेक निकला, जिसके बाद इसकी शिकायत पुलिस में की गई. पुलिस ने मामले में कई जगह कार्रवाई की और वीडियो शेयर करने पर नेताओं को नोटिस भी भेजा गया.