नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के तमाम जिलों में किसान आंदोलन कर रहे हैं. कई जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. गाड़ियों को निशाना बनाया जा रहा है और पुलिस पर पथराव किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी किसानों के प्रदर्शन के दौरान हो रही हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है.
इसमें कितनी सच्चाई है ये तो जांच से ही पता चल सकता है. लेकिन हमने उपद्रव करने वाले कुछ लड़कों से जानना चाहा कि उनके पीछे कौन है? सच्चाई हैरान करने वाली है.
भोपाल से सटे फंदा इलाके में कई जगह आज किसानों ने भोपाल-इंदौर रास्ते को जाम कर दिया. टोल के पास ट्रक को आग लगा दी. पुलिस पर पत्थरबाजी भी हुई. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
इस घटना के बाद फंदा से कुछ दूर हमसे कुछ लड़के मिले जिन्होंने बताया कि वो सभी प्रदर्शन में शामिल हैं. एक ने ये भी बताया कि उसने पत्थरबाजी भी की. गमछा से मुंह ढंके इन लड़कों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उनके लिए पार्टी महत्वपूर्ण नहीं है, वो किसान हैं सिर्फ इसलिए प्रदर्शन में शामिल हैं. इनमें जो लड़के बीजेपी के समर्थक थे उनसे जब पूछा कि अपनी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों ? तो उन्होंने कहा कि अभी वो सिर्फ किसान हैं और किसान बहुत परेशान हैं. लड़कों ने बताया कि गमछा इसलिए लपेटा है ताकि आंसू गैस से बच सकें.
लड़कों ने कहा कि किसान बेहद मुसीबत में है और इसीलिए कांग्रेस-बीजेपी से ऊपर ये किसान की लड़ाई है. किसी के कहने पर प्रदर्शन नहीं कर रहे. ये लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से खासे नाराज हैं.
यानी किसानों के प्रदर्शन पर जो भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हों लेकिन मोटे तौर पर किसान अपनी विचारधारा और संगठनों से ऊपर उठ कर सड़क पर उतरे हैं. मध्यप्रदेश में एक जून से किसान हड़ताल कर रहे हैं और इनका उग्र प्रदर्शन फैलता ही जा रहा है.