जर्मनी की नागरिकता के साथ भारत में बन गए चार बार विधायक! जानें कौन हैं ये कारनामा करने वाले चेन्नामनेनी रमेश
भारतीय संविधान के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति दोहरी नागरिकता नहीं रख सकता. किसी भी व्यक्ति को दूसरे देश की नागरिकता लेने के लिए भारतीय नागरिकता त्यागनी होगी.
Chennamaneni Ramesh Citizenship: तेलंगाना हाई कोर्ट ने बीते दिन सोमवार (09 दिसंबर, 2024) को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पूर्व विधायक चेन्नामनेनी रमेश पर जर्मन नागरिकता छिपाने और गलत तरीके से पेश करने के लिए 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से चेन्नामनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता रद्द करने के आदेश को बरकरार रखते हुए अदालत ने रमेश को भारतीय नागरिक बनने और चुनाव लड़ने के लिए जाली दस्तावेज बनाने का दोषी पाया.
हाई कोर्ट ने चेन्नामनेनी रमेश को 30 लाख रुपये के जुर्माने में से 25 लाख रुपये वेमुलावाड़ा से कांग्रेस विधायक आदि श्रीनिवास को देने का निर्देश दिये, जिन्होंने पहले ही चेन्नामनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता को चुनौती दी थी.
12 महीने पहले देश में रहना पड़ता है मौजूद
भारतीय संविधान के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति दोहरी नागरिकता नहीं रख सकता. किसी भी व्यक्ति को दूसरे देश की नागरिकता लेने के लिए भारतीय नागरिकता त्यागनी होगी. किसी भी व्यक्ति को भारतीय बनने के लिए अपने एप्लिकेशन डेट के कम से कम 12 महीने पहले देश में मौजूद होना चाहिए. देश में कोई भी गैर भारतीय न तो चुनाव लड़ सकता है और न ही वोट दे सकता है.
कौन है चेन्नामनेनी रमेश?
1- चेन्नामनेनी रमेश महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव के भतीजे हैं. उनके पिता स्वर्गीय चौधरी राजेश्वर राव एक सीनियर कम्युनिस्ट नेता और पांच बार के विधायक रहे हैं, जो बाद में तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए थे.
2- चेन्नामनेनी रमेश लंबे समय से आपनी नागरिकता को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. वे चार बार के विधायक रह चुके हैं, इसमें उपचुनाव भी शामिल हैं.
3- चेन्नामनेनी रमेश 1990 की शुरुआत में रोजगार को लेकर जर्मनी गए थे और साल 1993 में उन्होंने वहां अपना पासपोर्ट जमा करवाया और बाद में जर्मनी की नागरिकता ले ली.
4- साल 2008 में चेन्नामनेनी रमेश भारत लौटे और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया, जो उनको कांग्रेस सरकार के तहत गृह मंत्रालय की ओर से दी गई है.
5- साल 2009 में रमेश ने अविभाजित आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के उम्मीदवार के रूप में वेमुलावाड़ा सीट जीती और साल 2010 में वे बीआरएस में चले गए और उसके बाद उपचुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने 2014 में नवगठित तेलंगाना राज्य में और फिर 2018 में फिर से वेमुलावाड़ा सीट जीती.
6- साल 2020 में भाजपा के के नेतृत्व वाली सरकार ने चेन्नामनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता रद्द कर दी थी.
7- चेन्नामनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता इस आधार पर रद्द की गई थी कि उन्होंने 2009 में भारतीय नागरिकता प्राप्त करते समय निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं किया था, जब वह एक जर्मन पासपोर्ट धारक थे.
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