कौन हैं कांग्रेस 'धनकुबेर' धीरज साहू, जिनके अलमारियों में ठूसे हुए मिले 290 करोड़ रुपये? नोट गिनने के लिए कम पड़ गईं मशीनें
Dhiraj Prasad Sahu IT Raid: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तीन दिनों तक छापेमारी कर 290 करोड़ रुपये बरामद किए हैं.
Diraj Sahu: झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से 290 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश मिला है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साहू से जुड़े ओडिशा और झारखंड के उनके ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान विभाग को अलमारी में करोड़ों रुपये भरे हुए मिले. बताया गया है कि ये कैश ओडिशा और झारखंड में मौजूद उनके घरों से बरामद किया गया है. छापेमारी के दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कैश देखा जा सकता है.
धीरज साहू के पास कितना कैश बरामद हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगातार तीन दिन छापेमारी कर नोट गिनने पड़े हैं. आलम ये रहा है कि नोट गिनने के लिए लाई गईं मशीनों की क्षमता कम पड़ गई. नोट गिनने के लिए तीन दर्जन मशीनों को मंगाया गया था, जो कम पड़ गईं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि छापेमारी के दौरान 290 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए हैं. इन पैसों का कोई हिसाब नहीं है.
किस मामले में हुई कार्रवाई?
दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने बुधवार (6 दिसंबर) को ओडिशा के बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी की. इन कंपनियों के संबंध धीरज साहू से हैं. इसके अलावा बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी छापेमारी की गई, जिसका सीधा संबंध कांग्रेस सांसद है. विभाग ने ओडिशा के संबलपुर, बोलांगीर, टिटिलागढ़, बौध, सुंदरगढ़, राउरकेला और भुवनेश्वर औक झारखंड के रांची और बोकारो में छापेमारी की है. कांग्रेस सांसद की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है.
धीरज प्रसाद साहू कौन हैं?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, धीरज प्रसाद साहू का जन्म 23 नवंबर, 1955 को रांची में हुआ. उनके पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है. धीरज साहू तीन बार के राज्यसभा सांसद हैं. वह पहली बार साल 2009 में संसद के उच्च सदन में पहुंचे. इसके बाद जुलाई 2010 में वह फिर से राज्यसभा पहुंचे. तीसरी बार वह मई 2018 में झारखंड से राज्यसभा सांसद चुने गए. धीरज प्रसाद का कहना है कि वह एक व्यापारी परिवार से आते हैं.
धीरज साहू के पिता राय साहब बलदेव साहू स्वंत्रता सेनानी हैं. बिहार के छोटानागपुर में जन्मे राय साहब साहू ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था. आजादी के समय से ही साहू परिवार का जुड़ाव कांग्रेस के साथ रहा है. धीरज ने युवावस्था में ही कांग्रेस का दामन थाम लिया था. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में हुई थई. वह लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल हुए. धीरज के भाई शिव प्रसाद साहू भी राजनीति से जुड़े हुए हैं.
शिव प्रसाद साहू कांग्रेस नेता रहे हैं, जो रांची से दो बार सांसद चुने गए. अगर पढ़ाई की बात करें, तो धीरज साहू ने बीए तक पढ़ाई की है. उनका परिवार झारखंड के लोहरदगा में रहता है. 2018 में जब उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन किया था, तो अपने हलफनामे में बताया था कि उनकी संपत्ति 34.83 करोड़ थी. उन्होंने ये भी बताया था कि उनके ऊपर किसी तरह का कोई केस भी दर्ज नहीं है. उनके पास कुछ बेहतरीन कारें जरूर हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू और फॉर्च्यूनर शामिल हैं.
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