Who is CP Joshi: साइकोलॉजी में डॉक्टरेट, लॉ की डिग्री और जबरदस्त रणनीतिकार, पत्नी ने हराया चुनाव, गहलोत की पहली पसंद
CP Joshi: राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी इन दिनों खूब चर्चा में हैं. जब से उनका नाम सीएम पद की रेस में आया है तब से लोग उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं. यहां जानिए उनके बारे में.
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CP Joshi Political Career: कांग्रेस (Congress) में इस समय उथल-पुथल का दौर जारी है. 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू हुई तो ऐसा लगा कि कांग्रेस एकजुट हो रही है, लेकिन कुछ ही दिनों में पार्टी में एक बार फिर दरार सामने आ गई. कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सामने आए और सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपने बाद अगले मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी (CP Joshi) का नाम भी आगे कर दिया. हर किसी को यही लग रहा था कि इस बार सचिन पायलट (Sachin Pilot) का सीएम बनने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है, लेकिन किसे पता था कि उनके सामने अड़ंगा डाले खड़े हैं डॉ. सीपी जोशी. पिछले कुछ दिनों में ये नाम काफी चर्चा में भी बना हुआ है. चलिए जानते हैं डॉ. सीपी जोशी के बारे में.
साइकोलॉजी में डॉक्टरेट और लॉ की डिग्री
राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंवरिया में जन्मे सीपी जोशी ने मनोविज्ञान में डॉक्टरेट और कानून की डिग्री भी हासिल की है. उन्होंने एक व्याख्याता के रूप में काम किया और उस समय राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया (Mohanlal Sukhadia) की नजर उन पर पड़ी. इसके बाद मोहनलाल ने उनको चुनाव अभियान के काम पर रखा. उस चुनाव में अपनी जीत से खुश होकर सुखाड़िया ने 1980 में जोशी को टिकट दिया था. जोशी पहली बार विधायक बने और उस समय वे सिर्फ 29 वर्ष के थे. वहीं 2008 में सीपी जोशी को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया.
गहलोत और सीपी जोशी के बीच नहीं थे मधुर संबंध
उन्होंने राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में मंत्री के रूप में भी कार्य किया और यूपीए-2 सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. हालांकि यह कहा जाता है कि अशोक गहलोत और सीपी जोशी के आपस में मधुर संबंध नहीं थे और दोनों नेताओं के बीच अनबन खुलकर सामने आ गई थी.
ऐसा माना जाता है कि 2008 में गहलोत ने गुप्त रूप से सीपी जोशी के खिलाफ प्रचार किया था, जिसके बाद वे नाथद्वारा सीट से एक वोट से चुनाव हार गए और मुख्यमंत्री नहीं बन सके. हालांकि, जून 2020 में जोशी द्वारा अशोक गहलोत सरकार की मदद करने के बाद गांधी परिवार के वफादारों के बीच समीकरण बदल गया. उस समय सचिन पायलट ने बगावती सुर अख्तियार कर लिए थे. मानेसर में जब बागी विधायक डेरा डाले हुए थे तब सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया था.
पत्नी ने हराया चुनाव?
कांग्रेस नेता सीपी जोशी 2008 में राजस्थान में एक वोट से विधानसभा चुनाव हार गए थे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनकी पत्नी ने ही वोट नहीं डाला था. यह जानकारी भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने दी थी. पूर्व सीईसी ने कहा कि उनकी हार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से वंचित कर दिया था.
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