Who is Pankaj Kumar Singh: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पूर्व महानिदेशक पंकज कुमार सिंह (Pankaj Kumar Singh) को भारत का उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) नियुक्त किया गया है. राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी को दो साल के लिए डिप्टी एनएसए बनाया गया है. बीएसएफ का प्रमुख रहते हुए उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कई योगदान दिए हैं. चलिए आपको बताते हैं 60 साल के पंकज सिंह कौन हैं और उनका अब तक का सफर कैसा रहा है. 


बीएसएफ प्रमुख रहते हुए सिंह ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ करने वाले ड्रोन से निपटने के लिए कम लागत वाली ड्रोन-विरोधी तकनीक के साथ आने वाले बल का निरीक्षण किया था. उन्हें अब केंद्र की तरफ से देश की सेवा के लिए एक नया अवसर दिया गया है. इसमें वह आतंकवाद, डेटा सुरक्षा, साइबर खतरों और तमाम सुरक्षा मुद्दों से निपटने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों को बनाने और लागू करने में एनएसए अजीत डोभाल का साथ देंगे. 


कैसा रहा अब तक का सफरनामा?


पंकज सिंह राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने पहले भी केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ (CRPF) के महानिरीक्षक और दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में आईजी (IG) के रूप में काम किया है. यही कारण है कि उन्हें एक बार फिर से केंद्र के साथ काम करने का मौका मिला है. इतना ही नहीं, वह पश्चिम बंगाल और असम की सीमाओं पर मवेशियों की तस्करी को कम करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं. 


पिता भी कर चुकें हैं BSF का नेतृत्व 


उनके पिता 1959 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह (Prakash Singh) ने भी जून 1993 से जनवरी 1994 तक बीएसएफ का नेतृत्व किया था. जब सिंह ने 31 अगस्त, 2021 को बीएसएफ की कमान संभाली तो उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान एक बेटे और एक पिता दोनों के ही अर्धसैनिक बल के टॉप लेवल पर आसीन होने का इतिहास रचा था. 


स्थापना दिवस दिल्ली के बाहर मनाने की पहल


यहां तक कि आज स्थापना दिवस दिल्ली के बाहर मनाए जाने के पीछे भी पंकज सिंह का ही हाथ है. उन्होंने राजस्थान के जैसलमेर में 2021 में बीएसएफ का स्थापना दिवस मनाने की पहल की थी. उनके इस फैसले को केंद्र ने सराहा भी था और अब सभी अर्धसैनिक बलों और यहां तक ​​कि सेना को भी दिल्ली से बाहर स्थापना दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं. सिंह के पास आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए के अलावा एलएलबी और एमफिल की डिग्री हैं.
 
राजस्थान पुलिस के साथ भी किया है काम 


उन्होंने राजस्थान पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में भी काम किया है. इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों को सुलझाने में शामिल होने के अलावा जम्मू-कश्मीर को हिलाकर रख देने वाले कुख्यात सेक्स स्कैंडल का पर्दाफाश किया था. सिंह ने ही गणतंत्र दिवस परेड में बीएसएफ की महिला सैनिकों की मोटरसाइकिल की सवारी की कलाबाजी दिखाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद बीएसएफ की महिला मोटरसाइकिल सवारों ने देशव्यापी दौरा भी किया. 


पंकज सिंह के इन्हीं तेज तर्रार कामों के कारण उन्हें देश में सुधारों का योद्धा माना जाता है. उन्होंने 1996 में पुलिस प्रतिष्ठान में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख, सीबीआई, विदेश सचिव, रॉ प्रमुख और संघ को कम से कम दो साल का निश्चित कार्यकाल देना शुरू किया था.


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