Devika Rotawan 26/11 Witness: राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) में एक देविका रोटावन नाम की युवती भी शामिल हुई. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देविका से बात करते हुए देखा गया. उसके बाद राहुल ने अपने टि्वटर अकाउंट पर देविका के साथ एक तस्‍वीर शेयर की और उसके बारे में लिखा. बहरहाल, बहुत-से लोग देविका रोटावन (Devika Rotawan) को जानने के लिए उत्‍सुक हो गए हैं. आइए, उसके बारे में बताते हैं-


देविका के साथ तस्‍वीर ट्वीट कर राहुल गांधी ने शनिवार, 21 जनवरी को कहा, "9 साल की उम्र में, देविका रोटावन 26/11 के आतंकी हमले में घायल हुई थीं, वह अब देश को न्याय दिलवाने की भी गवाह बनी हैं. वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं."


उन्‍होंने आगे लिखा- राजस्थान की सरकार देविका की देशभक्ति को सम्मानित करते हुए उनके अपने घर के सपने को पूरा कर रही है. आप पर गर्व है, देविका!


26/11 मुंबई हमले की विक्टिम है देविका


देविका रोटावन वो युवती हैं, जो 26 नवंबर, 2008 के दिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले का शिकार हुई थीं. पाकिस्‍तान से आए आतंकियों ने उस रोज मुंबई को दहला दिया था. देविका रोटावन (तब 9 साल 11 महीने की थी) इस हमले की सबसे कम उम्र की गवाह बनी, जिसकी पहचान पर कसाब को फांसी हुई थी.


'घटना के बाद जिंदगी ठहर सी गई'


देविका ने बताया था कि 26 नवंबर, 2008 को वह जब मुंबई में थी, तो कसाब ने उसके पैर में गोली मारी थी. घटना के कई साल बाद देविका ने एक इंटरव्‍यू में कहा, ''उस हमले के बाद से मानो हमारी जिंदगी ठहर सी गई. आतंकियों के डर से पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी दूरी बनाना शुरू कर दिया था. हमें रहने के लिए मकान तक नहीं मिल रहा था. पापा एक छोटी सी नौकरी करते थे. भाई को भी काम नहीं मिल रहा था.''


आईपीएस अफसर बनने का है सपना


देविका के पिता नटवरलाल ने कहा कि मुंबई हमले के बाद मेरी बेटी से उसके स्‍कूल में पढ़ने वाले बच्‍चों ने भी दूरी बना ली थी. लोग हमसे बतियाते नहीं थे. ऐसी दुखद यादें रही हैं कि आज सिहरन हो उठती है. उन्‍होंने कहा कि देविका का सपना आईपीएस अफसर बनने का है.


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