Lok Sabha Speaker: बीजेपी को स्पीकर के लिए मिल गया कैंडिडेट? चंद्रबाबू नायडू को भी छोड़नी पड़ेगी जिद, जानें कौन हैं ये
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी दो बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं. इसके बाद वह बीजेपी में आ गईं. महासचिव और वूमेन विंग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब आंध्र प्रदेश इकाई की चीफ हैं.
Lok Sabha Speaker: लोकसभा चुनाव हो गए. नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए, सरकार का गठन हो गया, मंत्रालयों का बंटवारा भी हो गया और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि लोकसभा का स्पीकर कौन होगा. 24 जून से संसद का विशेष सत्र शुरू हो सकता है और इसके साथ ही स्पीकर के चुनाव की भी चर्चा शुरू हो गई है. 26 जून को स्पीकर के पद का चुनाव होने की संभावना है. इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर सकी इसलिए सहयोगी दलों के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई. गठबंधन में बीजेपी के बाद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरीं इसलिए स्पीकर पद के लिए कंफ्यूजन बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है.
मंत्रालयों के बंटवारे के पहले से ही टीडीपी स्पीकर पद के लिए दावेदारी ठोक चुकी है. वहीं, जेडीयू भी पद की मांग कर रहा है. इस बीच ये भी चर्चा है कि बीजेपी स्पीकर पद अपने पास रखेगी और इस रेस में सबसे आगे आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष दुग्गुबति पुरंदेश्वरी का नाम है. पुरंदेश्वरी इस बार राजमुंदरी लोकसभा सीट से चुनाव जीती हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी को लगता है कि अगर पुरंदेश्वरी को स्पीकर बनाया जाता है तो टीडीपी और चंद्रबाबू नायडू इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं जताएंगे. लोकसभा चुनाव में राज्य में टीडीपी और जनसेना के साथ बीजेपी के गठबंधन में दुग्गुबति पुरंदेश्वरी ने अहम भूमिका निभाई थी और जनता ने भी गठबंधन पर भरोसा जताया.
कौन हैं दुग्गुबति पुरंदेश्वरी?
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की बेटी हैं और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं. आंध्र प्रदेश बीजेपी चीफ के अलावा वह तीन बार की सांसद हैं. 2004 और 2009 में उन्होंने बापतला और विशाखापट्टनम से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस में आने से पहले वह और उनके पति दुग्गुबति वेंकटेश्वरा राव शुरुआत में चंद्रबाबू नायडू के साथ थे और उन्होंने मिलकर साल 1996 में टीडीपी में तख्तापलट के बाद एनटी रामाराव को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था.
इस घटना के बाद चंद्रबाबू नायडू ने पूरी टीडीपी को अपने कंट्रोल में करके पुरंदेश्वरी और वेंकटेश्वरा को साइडलाइन कर दिया. इस घटना से नाराज पुरंदेश्वरी ने राजनीति में उतरने का फैसला कर लिया और कांग्रेस में शामिल हो गईं. कांग्रेस के टिकट पर दो बार सांसद बनीं और यूपीए की सरकार में मनमोहन सिंह की कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री का भी पदभार संभाला. हालांकि, आंध्र प्रदेश के विभाजन के कांग्रेस सरकार के फैसले से नाराज होकर वह बीजेपी में शामिल हो गईं और उन्हें पार्टी राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया. बाद में वह पार्टी के महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाई गईं.
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी के स्पीकर बनने का विरोध कर सकते हैं चंद्रबाबू नायडू?
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी को अगर बीजेपी स्पीकर बनाती है तो इसकी संभावना कम है कि चंद्रबाबू नायडू उनका विरोध करें. एक तो वह उनकी रिश्तेदार है. हालांकि, वह कभी भी नायडू की समर्थक नहीं रही हैं, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी-टीडीपी गठबंधन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. वहीं, एनटी रामाराव की सरकार के तख्तापलट के समय वह चंद्रबाबू नायडू का साथ दिया था.
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