Indians in Russia Ukraine War: सीबीआई ने भारतीय युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का लालच देकर उसे रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजने वाले एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. इसे लेकर सीबीआई ने भारत में कई जगहों पर छापेमारी भी की. सीबीआई ने इस मामले में 17 एजेंट्स को नामजद किया है, जो रूस में अच्छी सैलरी वाली नौकरी का झूठा आश्वासन देने वाले लोगों को अपने जाल में फंसाते थे.
इस मामले में फैसल अब्दुल मुतल्लिब खान नाम के शख्स की भूमिका सामने आई है, जिसने कई लोगों को रूसी सेना में हाई सैलरी की नौकरी का वादा किया था. वह एक भर्ती एजेंसी और बाबा ब्लॉग नाम एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल चलाता है.
कंसल्टेंसी फर्म चलाता है फैसल खान
फैसल खान (30 वर्ष) एक मैनपावर कंसल्टेंसी फर्म चलाता है, जो कई देशों में कर्मचारी उपलब्ध कराती है. फैसल खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने 35 लोगों को रूस भेजा. उन्हें रूस में संचालकों ने बताया था कि उन्हें युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर तैनात नहीं किया जाएगा. फैसल खान ने दावा किया कि उन्होंने रूस भेजे गए भारतीयों को वापस लाने की कोशिश की. फैसल खान के अनुसार भारतीयों के रूस पहुंचने के बाद जो हुआ वह उसके नियंत्रण से बाहर था.
फैसल खान ने कहा कि जो लोग रूस गए, उन्हें पता था कि वहां युद्ध चल रहा है और खतर है. अगर हमारा इरादा उन्हें धोखा देने का होता तो कोई निशान नहीं छोड़ते. मैंने रूस पर अपने वीडियो नहीं हटाए क्योंकि मैं दोषी नहीं हूं.
दुबई में करता था सेल्समैन का काम
फैसल खान मुंबई के दादर के रहने वाला है. वह 2008 में दुबई गया और वहां सेल्समैन का काम करता था. साल 2016 में फैसल ने अपनी कंसल्टेंसी बाबावलॉग्स शुरू की. साल 2018 में, भारतीय अधिकारियों ने फैसल खान से पूछताछ की गई थी जब उसकी ओर से दुबई भेजे गए एक व्यक्ति ने दावा किया था कि उसे इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है.
साल 2023 से लोगों के रूस भेजने का आरोप
यूट्यूब पर फैसल खान के तीन लाख फॉलोअर्स हैं. उसने अपना आखिरी वीडियो 8 जनवरी को पोस्ट किया था, जिसमें वह न्यूजीलैंड के विजिट वीजा के बारे में बात कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फैसल खान ने जुलाई 2023 से रूस में नौकरियों को लेकर लोगों को भेजने लगा. उसने वीडियो में कहा था कि रूसी सेना में काम करने वालों को तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद 40,000 से एक लाख रुपये तक सैलरी मिलेगी.
फैसल खान ने वीडियो में दावा किया रूस की सेना को इमारतों को हटाने, हथियार और गोला-बारूद की देखभाल करने के लिए लोगों की जरूरत है. वीडियो में फैसल ने अपनी कंपनी के लिए 3 लाख रुपये की शुरुआती फीस की भी मांग की थी.
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