भारतीय अर्थव्यवस्था पर IMF के बयान के बाद इसकी मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ की हो रही चर्चा, जानें उनके बारे में
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है. इसके बाद से आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ काफी चर्चा में हैं.
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ इन दिनों काफी चर्चा में हैं. दरअसल, आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. आईएमएफ के मुताबिक इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 1.3 फीसदी घटकर 4.8 फीसदी के दर से बढ़ेगी. बता दें कि आईएमएफ 9वीं ऐसी एजेंसी है जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ के अनुमान को कम किया है.
आईएमएफ का बयान
आईएमएफ ने अपने बयान में कहा है कि विश्व की अर्थव्यवस्था के डाउनवर्ड रिवीजन करने के पीछे उभरते बाजारों में आर्थिक गतिविधियों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां हैं, खासतौर पर भारत की सुस्त विकास दर की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार पर असर पड़ रहा है. कुछ मामलों में इस आर्थिक मंदी का प्रभाव सामाजिक अस्थिरता के बढ़ने के रूप में भी देखा जा सकता है.
आपको जानकारी दें कि एसबीआई और फिच के 4.6 फीसदी के अनुमान के बाद आईएमएफ का भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान सबसे कम है. इस मामले में अब पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ रेट अगर और भी कम हो जाए तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ''अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी. मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.''
गीता गोपीनाथ की पढ़ाई कहां से हुई
गीता गोपीनाथ ने अपनी एमए की डिग्री दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से हासिल की है. वह भारत के वित्त मंत्रालय के जी-20 सलाहकार समिति में प्रतिष्ठित सदस्य के रूप में शामिल रही हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापक अर्थशास्त्र और व्यापार पर किए गए शोध से साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है. गीता गोपीनाथ साल 2005 में हार्वर्ड में शामिल हुईं, उससे पहले वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली से हासिल की है.