Imran Masood News: उत्तर प्रदेश में बड़े मुस्लिम नेताओं के तौर पर जाने जाने वाले इमरान मसूद की कांग्रेस में घर वापसी हो रही है. लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ा और यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी 2022 में समाजवादी पार्टी में चले गए. इसके बाद वह पिछले साल अक्टूबर में ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में शामिल हो गए. हालांकि, एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस में लौटने का फैसला किया है. 


इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इमरान मसूद ने कहा, 'मैं 7 अक्टूबर को कांग्रेस ज्वाइन करूंगा. ये अपनी घर वापसी की तरह है. मैं कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहता था, मगर मेरे ऊपर समर्थकों का दबाव था. लेकिन अब मुझे लगता है कि वापसी का समय आ गया है.' कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि मसूद की वापसी से पार्टी को सहारनपुर और इससे सटे इलाकों में मजबूती मिलेगी. कांग्रेस को एक फायदा यह भी है कि पश्चिमी यूपी में इमरान के कद का कोई मुस्लिम नेता नहीं है.


कौन हैं इमरान मसूद? 


इमरान मसूद का जन्म सहारनपुर जिले के गंगोह इलाके में हुआ. उनके परिवार की गिनती प्रभावशाली परिवारों में होती है. इमरान के चाचा काजी रशीद मसूद एक नामी नेता रहे हैं. उन्होंने राजनीति में अपने परिवार का काफी नाम बनाया है. इमरान के चाचा काजी रसीद मसूद 1977 से 2004 के बीच 5 बार सहारनपुर से लोकसभा सांसद चुने गए. इसके अलावा वह तीन बार राज्यसभा सांसद रहे. इमरान ने अपने चाचा के देखा-देखी ही राजनीति में आने का फैसला किया. 


बचपन से ही इमरान की दिलचस्पी राजनीति में रही है. उन्होंने अपने चाचा से ही राजनीति के दांव-पेंच सीखे. उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत क्षेत्रीय राजनीति से हुई है. साल 2006 में वह सहारनपुर नगर पालिका के चेयरमैन का चुनाव जीते. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी से 2007 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा. लेकिन जब सपा ने उन्हें टिकट देने से मना किया, तो उन्होंने निर्दलीय ही मैदान में उतरने का फैसला किया. 


इमरान को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत मिली और वह 2007 से लेकर 2012 तक विधायक रहे. फिर उन्होंने 2012 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थामा. कांग्रेस ने उन्हें नकुड़ विधानसभा से टिकट भी दिया, मगर उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. फिर उन्होंने 2014 में पाला बदला और वह सपा में शामिल हो गए. सपा ने उन्हें 2014 में सहारनपुर से लोकसभा टिकट भी दिया, मगर वह यहां भी चुनाव हार गए. 


2017 में एक बार फिर से उन्होंने कांग्रेस में लौटने का फैसला किया. वह इस पार्टी में पांच साल तक रहे, मगर फिर 2022 में वह फिर से सपा में शामिल हो गए. इसके बाद यूपी में होने वाले निकाय चुनाव से ठीक पहले वह बसपा में चले गए. हालांकि, हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तारीफ की थी और कहा था कि बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहिए. इस पर बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. 


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