Farmers Delhi Chalo Protest: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने साल 2020 में जबर्दस्त आंदोलन किया था. इस आंदोलन ने सड़क से लेकर संसद तक कोहराम मचा दिया था. इस आंदोलन को लीड करने का काम भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किया था. लेकिन इस बार 13 दिसंबर के किसान आंदोलन यानी 'दिल्ली कूच' से वो नेता पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं. राकेश टिकैत, उनके भाई नरेश टिकैत और कई पुराने दिग्गज किसान नेता इसमें शिरकत नहीं कर रहे हैं. फिर सवाल उठता है कि आखिर जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर कौन हैं जिनकी एक आवाज पर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच पर निकल पड़े हैं.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी में एक बड़ा चेहरा हैं पंढेर
इस पूरे आंदोलन का मोर्चा इस बार इन दोनों किसान नेताओं ने ही संभाला हुआ है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर की बात करें तो उनका गांव पंजाब के अमृतसर जिले का पंढेर है. माझा के किसान सरवन सिंह संगठन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव हैं. सतनाम सिंह पन्नू ने किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर 2007 में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का गठन किया था, जिसमें पंढेर अहम भूमिका निभाते रहे हैं. उनको संगठन के एक बड़े चेहरे के तौर पर भी देखा जाता रहा है.
छात्र जीवन से ही आंदोलनों में एक्टिव रहे हैं सरवन सिंह पंढेर
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का कार्यक्षेत्र अमृतसर ही है. इस संगठन से पंजाब के 7-8 जिलों के किसान और खेत मजदूर सीधे जुड़े हुए हैं. किसानों की आवाज बनने के लिए हमेशा से वो मुखर रहे हैं. पिछले किसान आंदोलन में 45 साल के किसान नेता पंढेर पर दिल्ली हिंसा भड़काने का आरोप भी लगा था. इससे पहले वह भाकियू उगराहां के साथ जुड़े रहे थे. छात्र जीवन से ही आंदोलनों में एक्टिव रहने वाले सरवन सिंह पंढेर 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं. बावजूद इसके वो किसानों की बातों को बेहद ही मुखर और मजबूती से रखते हैं. किसान नेता को अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का करीबी माना जाता है.
जगजीत सिंह ने पंजाब में किया था 2022 में बड़ा किसान आंदोलन
किसान आंदोलन की बागडोर को संभालने वाले एक और बड़े किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल हैं. साल 2022 में उनके नेतृत्व में पंजाब में बड़ा किसान आंदोलन किया जा चुका है. किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए उन्होंने उस समय भूख हड़ताल भी की थी.
दिल्ली कूच करने वाले 50 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे डल्लेवाल
दिल्ली कूच करने वाले किसान संगठनों में से करीब 50 का नेतृत्व जगजीत सिंह ही कर रहे हैं. यह सभी किसान संगठन प्रमुख रूप से पंजाब में ही सक्रिय हैं और जगजीत सिंह डल्लेवाल स्वयं एक किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) की बागडोर संभाले हुए हैं.
दोनों किसान नेताओं के 'सरनेम' में एक बाद समान
पंजाब के इन दोनों बड़े किसान नेताओं में समानता यह भी है कि उनके नाम के साथ जो 'सरनेम' जुड़ा है वो उनका गांव का नाम है. सरवन सिंह पंजाब के अमृतसर जिले के पंढेर गांव के हैं, तो जगजीत सिंह फरीदकोट जिले में पड़ने वाले डल्लेवाल गांव के हैं. इन दोनों ने ही अपने नाम के साथ पंढेर और डल्लेवाल गांव के नाम को 'सरनेम' के तौर पर जोड़ा हुआ है जोकि अब एक बड़े किसान नेताओं के रूप में पहचान बन गए हैं.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने किसानों से किए 3 वादे तोड़े, अब हम एक वादा करते हैं- चुनावों से पहले कांग्रेस चीफ का बड़ा ऐलान