Collegium recommends elevation of Justice Manmohan: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी है. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने हाल ही में बैठक की और देश की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति मनमोहन के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया.
न्यायमूर्ति बीआर गवई, सूर्यकांत, हृषिकेश रॉय और एएस ओका भी पैनल के सदस्य हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित स्वीकृत 34 न्यायाधीशों के मुकाबले सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 32 जज हैं. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और डीवाई चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति के बाद से यहां दो पद रिक्त हैं.
कौन हैं न्यायमूर्ति मनमोहन?
61 साल के न्यायमूर्ति मनमोहन नौकरशाह से राजनेता बने जगमोहन के पुत्र हैं. जगमोहन जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के अलावा दिल्ली के उपराज्यपाल भी रहे. 3 मई 2021 को जगमोहन की मौत हो गई थी. न्यायमूर्ति मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ था. इन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की. दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से हिस्ट्री में बीए ऑनर्स किया. 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एलएलबी की डिग्री हासिल की और उसी साल वह अधिवक्ता बन गए.
वकील के रूप में कई बड़े केस में सुनवाई
एक वकील के तौर पर उन्होंने मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कराधान, मध्यस्थता, ट्रेडमार्क में केस लड़ा. इन्होंने भारत सरकार के लिए एक वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता के रूप में भी काम किया. उन्हें 2003 में दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. वकील के रूप में अपने निजी अभ्यास के दौरान, उन्होंने दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निज़ाम के आभूषण ट्रस्ट मामले, क्लेरिज होटल विवाद आदि सहित कई महत्वपूर्ण केस को लड़ा. इन्हें मार्च 2008 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद मनमोहन अगले वर्ष स्थायी न्यायाधीश बन गए. इन्होंने नवंबर 2023 में उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. उन्हें इस साल सितंबर में दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
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