कभी थे शरद पवार के PA, अब बने महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री, जानें कौन हैं दिलीप वलसे पाटिल
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच के आदेश के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से अनिल देशमुख ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की PIL पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से CBI जांच के आदेश के बाद अनिल देशमुख की जगह महाराष्ट्र के नए गृहमंत्री बने एनसीपी के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल. पिछले सात बार से विधायक दिलीप पाटिल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार के पर्सनल असिस्टेंट (PA) के तौर पर की थी.
अम्बेगांव के वर्तमान विधायक वर्तमान में राज्य के आबकारी और श्रममंत्री थे. उनके पिता दत्तात्रेय वलसे पाटिल, पूर्व कांग्रेस विधायक, भी शरद पवार के बेहद करीबी थे. दिलीप पाटिल ने पहली बार अम्बेगांव से साल 1990 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था. साल 1999 में शरद पवार के नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेस से किनारा कर लिया और एनसीपी को ज्वाइन कर लिया था.
दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र सरकार में कई पदों पर रहे. उनके पास शिक्षा, वित्त और ऊर्जा विभाग रहा. वे साल 2009 से 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर भी रहे. गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच के आदेश के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से अनिल देशमुख ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था.
देशमुख के खिलाफ जांच के लिए कल CBI पहुंचेगी मुंबई
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरंभिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सीबीआई की एक टीम मंगलवार को मुंबई पहुंचेगी. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को जांच का निर्देश दिए जाने के बाद देशमुख ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई आरंभ करने के पहले आम तौर पर एजेंसी औपचारिक आदेश मिलने का इंतजार करती है और कानूनी राय लेती है लेकिन उच्च न्यायालय ने आरंभिक जांच के लिए 15 दिनों का ही समय दिया है इसलिए सीबीआई ने तेजी से कदम उठाया है.
सीबीआई की टीम जांच शुरू करने के लिए वकीलों से मिलकर आदेश, संलग्न शिकायत और अन्य जरूरी दस्तावेज जुटाएगी. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि यह ‘‘असाधारण’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.
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