Lok Sabha Whip: कांग्रेस ने बिहार की किसनगंज लोकसभा सीट से सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद को लोकसभा में पार्टी का व्हिप नियुक्त किया है. मोहम्मद जावेद को कांग्रेस में तगड़ा प्रमोशन मिला है. लोकसभा में कांग्रेस की नई टीम बनी है जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी होंगे और असम से सांसद गौरव गोगोई डिप्टी लीडर और केरल से सांसद कुडिकुनील सुरेश चीफ व्हिप होंगे. इसके अलावा बिहार से डॉ. मोहम्मद जावेद व्हिप बनाए गए हैं.
न्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, किशनगंज सीट को कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद ने ऐसा किला बना दिया है, जिसमें बीजेपी मोदी लहर के बावजूद भी सेंधमारी नहीं कर सकी. इस दौरान मोहम्मद जावेद के सामने जेडीयू का मुसलमान और बीजेपी का हिंदू उम्मीदवार भी टिक नहीं सका. साल 2009 से लगातार चौथी बार कांग्रेस ने किशनगंज सीट जीती है. 2009 और 2014 में मौलाना इसरारुल हक यहां जीते थे.
पिछले साल मोहम्मद जावेद का हुआ था एक और प्रमोशन
बिहार की किशनगंज सीट ऐसी एक लोकसभा सीट है, जिससे यह तय माना जाता है कि मुसलमान किस पार्टी को पसंद कर रहे हैं. किशनगंज में करीब 68 प्रतिशत मुसलमान वोट माने जाते हैं. राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर बिहार में घुसे तो उन्होंने किशनगंज को ही प्रवेश द्वार बनाया. पिछले साल भी मोहम्मद जावेद का एक प्रमोशन हुआ था, जिसमें 16 सदस्यों की कांग्रेस की नेशनल इलेक्शन कमेटी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बराबर जावेद को जगह मिली थी.
जावेद के पिता रहे थे किशनगंज के विधायक
मोहम्मद जावेद राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. जहां उनके पिता मोहम्मद हुसैन आजाद कांग्रेस के टिकट पर 6 बार विधायक का चुनाव जीते थे. वहीं, मोहम्मद जावेद की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में एयरफोर्स स्कूल से हुई है. इसके बाद उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री ली. कुछ साल तक फिजिशियन की प्रैक्टिस भी उन्होंने की. उन्होंने पिता की राजनीतिक विरासत संभालते हुए साल 2000 में चुनाव जीता और किशनगंज के विधायक बने तब से अजय बने हुए हैं.
जानिए कौन हैं डॉ. मोहम्मद जावेद?
मोहम्मद जावेद को लोकसभा व्हिप बनाने का फैसला एक और वजह से लिया गया है. क्योंकि, बिहार विधानसभा में मंत्री विधायक होते हुए जावेद महागठबंधन सरकार में चीफ व्हिप हुआ करते थे. इसका पुराना अनुभव जावेद के पास है. नीतीश तेजस्वी सरकार में जावेद बिहार के कानून और पशुपालन मंत्री भी रहे. करीब 35 साल के राजनीतिक करियर के बाद भी जावेद के खिलाफ एक भी अपराधिक केस नहीं है. मोहम्मद जावेद के किशनगंज में कांग्रेस ने 2009 में 15 साल बाद वापसी की थी 1967 और 1977 के चुनावों को छोड़कर किशनगंज में कांग्रेस ही चुनाव जीता करती थी.
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