Narad Rai Profile: लोकसभा चुनाव के आखिरी और सातवें चरण में समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी को छोड़ दिया है. वो अब बीजेपी के साथ जुड़ गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद नारद राय ने सोशल मीडिया पर इस बात का ऐलान किया. वो बलिया के बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं. 


अखिलेश यादव पर लगाए आरोप 


अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, मैं दुखी मन से पार्टी से अलग हो रहा हूं. पिछले 40 सालों का साथ आज छूट रहा है. अखिलेश यादव ने मुझे बेइज्जत किया है. मेरी गलती बस यही थी कि मैंने अखिलेश और मुलायम सिंह में से नेताजी को चुना था. मुझे पिछले सात सालों से लगातार बेइज्जत किया जा रहा है. अखिलेश यादव ने 2017 में मेरा टिकट काट दिया. 2022 में टिकट तो दिया लेकिन मेरे हारने का इंतजाम भी किया. 


'बीजेपी को करूंगा मजबूत'


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद  नारद राय ने कहा, 'वो अब पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे. जितना हो सकेगा उतनी ताकत से बीजेपी को जीत दिलाने की कोशिश करेंगे. 


जानें कौन हैं नारद राय


नारद राय छात्र राजनीती में सक्रिय रहे हैं. जनेश्वर मिश्र के जरिए वो मुख्यधारा की राजनीती का हिस्सा बने थे. वो सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. वो सपा सरकार में दो-दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. सपा में पारिवारिक रार के समय वो मुलायम सिंह यादव के साथ खड़े दिखाई दे रहे थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा को छोड़ दिया था. इस दौरान वो बसपा की तरफ से चुनाव लड़े थे, जिसमे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 


इसके बाद वो 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में फिर से सपा की तरफ से लड़े थे. इस बार भी उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद से पार्टी में उनकी उपेक्षा की खबरें आ रही थी. हाल में ही  26 मई को बलिया लोकसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार सनातन पाण्डेय के समर्थन में कटरिया में आयोजित चुनावी जनसभा आयोजित की गई थी. इस दौरान अखिलेश यादव में अपने सम्बोधन में उनका नाम नहीं लिया था. इससे नाराज को होकर उन्होंने पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है. 


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