नई दिल्ली: ओडिशा के प्रताप सारंगी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली. प्रताप सारंगी को उनकी सादगी के लिए जाना जाता है. सोशल मीडिया पर प्रताप सारंगी को ओडिशा का मोदी नाम से जाना जाता है. बता दें कि ओडिशा की 21 में से बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है. प्रताप सारंगी सबसे पहले तब चर्चा में आए जब 24 मई को सुलगना दास नाम की यूजर ने इनके बारे में ट्वीट करते हुए इन्हें ओडिशा का मोदी बताया. 25 मई को बीजेपी नेता सुनील देवधर ने भी प्रताप सारंगी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, ''मिलिए बालासोर से बीजेपी के नए सांसद प्रताप चन्द्र सारंगी जी से. एक व्यक्ति जिसके लिए समाजसेवा और परोपकार व्यक्तिगत सुख से बढ़कर है.'' इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रतार सारंगी छा गए.


कौन हैं प्रताप सारंगी


ओडिशा के नीलगिरि में गरीब परिवार में जन्में 65 साल के प्रताप चंद्र सारंगी अविवाहित हैं, नीलगिरि के फकीर कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. 2004 और 2009 में नीलगिरि से विधायक भी रहे, 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेडी के रबींद्र जेना से हार गए. 2019 में बीजेपी ने एक बार फिर प्रताप सारंगी पर भरोसा किया और इस बार प्रताप सारंगी ने पार्टी के भरोसे को सही साबित करते हुए बीजेडी के करोड़पति उम्मीदवार रबींद्र जेना को करीब 13 हजार वोटों से मात दे दी.


प्रताप सारंगी की सादगी ही नहीं उनकी जिंदगी के कई पहलू भी प्रधानमंत्री मोदी से काफी मिलते हैं. पीएम मोदी की तरह ही प्रताप सारंगी भी बचपन से आध्यात्मिक थे. साधु बनने कई बार रामकृष्ण मठ भी गए. लेकिन हर बार मठ की तरफ से ये कहकर लौटा दिया गया कि अभी आपकी माता जिंदा हैं उनकी सेवा करें. इसके बाद वो समाजसेवा से जुड़ गए और बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी इलाके में कई स्कूल खोले. पिछले साल ही प्रताप सारंगी की मां का निधन हुआ है.



साइकिल से चलने वाले प्रताप सारंगी के लिए समाजसेवा सबसे ऊपर है. पीएम मोदी की तरह ही प्रताप सारंगी भी भक्ति भाव में रम जाते हैं. साल 2017 में पीएम मोदी जब बालासोर के दौरे पर पहुंचे थे तब हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्रियों से भी ज्यादा आत्मीयता के साथ प्रताप सारंगी से मिले थे. तब पीएम मोदी ने प्रताप सारंगी के बारे में कहा था हमारे सबसे पुराने और सबसे सुदृढ सैनिक हैं.


बालासोर लोकसभा सीट से जीते चुनाव


बता दें कि प्रताप चंद्र सारंगी ने बीजेडी के रबिन्द्र कुमार जेना को 12,956 वोटों से हराया है. बालासोर सीट से 1951, 1957 और 1962 में कांग्रेस को कामयाबी मिली थी. 1967 में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकली और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को मिली. साल 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा जमा लिया. 1977 में फिर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यहां से जीती. इसके बाद के दो चुनावों 1980 और 1984 में यहां से कांग्रेस जीत हासिल की.



1991 और 1996 में भी इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. 1989 में इस सीट से जनता दल को कामयाबी मिली. 1998 के चुनाव में बीजेपी यहां से पहली बार जीती और इसके बाद 1999, 2004 में उसने अपनी कामयाबी को दोहराया. 2009 में कांग्रेस के श्रीकांत कुमार जेना चुनाव जीते थे. 2014 में यहां बीजेडी के रबींद्र कुमार जेना जीते थे.


मोदी लगातार दूसरी बार बने प्रधानमंत्री, 57 मंत्रियों के साथ ली शपथ, अमित शाह- जयशंकर भी बने कैबिनेट मंत्री

अनदेखी तस्वीरें: मोदी के शपथ समरोह में सोनिया-राहुल, अंबानी परिवार सहित 8 हजार लोगों ने की शिरकत

कैबिनेट मंत्री बने अमित शाह को मिल सकता है विदेश मंत्रालय, BJP अध्यक्ष पद की दौड़ में नड्डा सबसे आगे


मोदी सरकार में शपथ लेने के बाद चर्चा में आए एस जयशंकर, जानें, कौन हैं ये 


यह भी देखें