नई दिल्ली: गोरखपुर उपचुनाव और फूलपुर में बीजेपी की करारी हार ने उत्तर प्रदेश समेत देश की सियासत में नई हवा चला दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने हार का कारण बीजेपी का अतिआत्मविश्वासी होना बताया है.


30 साल बाद योगी के किले में सेंध लगी है. एसपी और बीएसपी के गठबंधन पर सवार होकर सेंध लगाने का काम एसपी प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने किया है. गोरखपुर में कुल 9 लाख 34 हजार 56 वोट पड़े. इसमें से एसपी को कुल 4 लाख 56 हजार पांच सौ तेरह वोट मिले. बीजेपी को सिर्फ बीजेपी को 4 लाख 34 हजार छह सौ बत्तीस वोट मिले.


कौन हैं प्रवीण निषाद?
संतोष उर्फ प्रवीण कुमार निषाद, निषाद दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा संजय निषाद के बेटे हैं. ये निषाद पार्टी के गोरखपुर लोकसभा के प्रभारी रहे हैं. विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल में कई सीटों पर निषाद पार्टी के प्रत्याशियों को 10 हजार से 30 हजार तक वोट मिले थे.


29 साल के प्रवीण कुमार निषाद पेशे से इंजीनियर हैं. ये गोरखपुर कैंपियरगंज के रहने वाले हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रवीण कुमार ने नोएडा से की है. इनकी पत्नी रितिका साहनी सरकारी नौकरी में हैं. बीएसपी के अलावा गोरखपुर में निषाद पार्टी, पीस पार्टी और आरएलडी भी एसपी के साथ थीं.