(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमृतसर रेल हादसा: 61 मौतों का जिम्मेदार कौन, क्या टाला जा सकता था हादसा?
Amritsar Train Accident Live Updates: अमृतसर के जौड़ा फाटक इलाके में हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है वहीं करीब 70 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. जख्मी हुए लोगों का तरणतारण, जालंधर, गुरदासपुर और अमृतसर में इलाज चल रहा है. इममें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है.
नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर में दशहरा पर दर्दनाक हादसा हुआ है. अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन ने कुचल दिया. ट्रैक पर लोग रावण दहन देख रहे थे तभी डीएमयू ट्रेन इन लोगों पर मौत बन कर बरसी. सिर्फ पांच सेकेंड में चारों तरफ मौत का भयानक मंजर पसर गया. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है वहीं 70 से ज्यादा लोग घायल हैं.
पुलिश कमिश्नर ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि की है. ट्रेन हादसे में जख्मी हुए लोगों का तरणतारण, जालंधर, गुरदासपुर और अमृतसर में इलाज चल रहा है. इममें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. लोग रेलवे प्रशासन और सरकार की लापरवाही से गुस्से में इसलिए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.
कौन है जिम्मेदार? इस बड़े हादसे के बाद ये सवाल उठना लाजिमी है कि इस दर्दनाक हादसे के पीछे जिम्मेदार कौन है. आपको बता दें कि प्रशासन से रावण दहन की अनुमति नहीं ली गई थी. इसका आयोजन कांग्रेस के पार्षद ने मिट्ठू मदान ने बिना अनुमति के कराया था. यहां कई बड़े नेता मौजूद थे लेकिन दूसरी तरफ छोटे और तंग जगह में नेताओं के आने के बाद भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे. बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जब भारी भीड़ थी तो रेलवे को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई?
स्थानिय लोगों ने कहा कि अगर लाइन मैन रेलवे फाटक बंद कर देता तो ये हादसा नहीं होता. लोगों ने स्टेशन मास्टर को भी इस हादसे का दोषी माना है. विपक्ष की तरफ से भी इस बात को उठाया गया है कि जह पार्षद और बड़े नेता वहां मौजूद थे तो प्रशासन की ओर से व्यवस्था का इंतजाम क्यों नहीं किया गया.
क्या टाला जा सकता था हादसा? स्थानीय लोग और नवजौत कौर की बातों को मानें तो सभी ने यही कहा कि सालों से इस जगह रावण दहन होता रहा है. लेकिन हादसे के बाद इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस आयोजन के लिए प्रशासन से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी. प्रशासन अगर मुस्तैद रहता और रेलवे को इस मेले की जानकारी समय पर देता तो शायद हादसे को टाला जा सकता था.
चश्मदीद का क्या कहना है? चश्मदीदों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताया है साथ ही उन्होंने स्थानिय विधायक और कांग्रेस के बड़े नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पर भी अपने गुस्से का इजहार किया. चश्मदीदों ने नेताओं पर हादसे के बाद भाग जाने का आरोप लगाया. लोगों ने कहा कि जिस वक्त लोगों की लाश पटरी पर थी उस वक्त उन्हें साथ देना चाहिए था जबकि वो वहां से भाग गई. चश्मदीदों की मानें तो घटना स्थल पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे.
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