नई दिल्लीः मुंबई ब्रिज हादसे के बाद हुई 6 मौत अपने पीछे बहुत सारे सवाल खड़े कर चुकी हैं. जिनकी जान गई उनके परिवारों के लिए सरकार ने मुआवजे का एलान तो कर दिया है लेकिन वो उनके परिवार के सदस्य की भरपाई तो नहीं कर सकते. जिन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी उनकी क्या गलती थी? घायलों को 50 हजार रुपये और उनके इलाज का खर्चा देकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला तो नहीं झाड़ सकती है. साफ तौर पर कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब देना प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी बनती है.
ये हैं मुंबई ब्रिज हादसे से जुड़े कुछ गंभीर सवाल
- जब पुल का ऑडिट हो चुका था तो उसके बावजूद ब्रिज कैसे गिर गया? ये बड़े सवालिया निशान खड़े करता है.
- ऑडिट पर भी जांच होनी चाहिए. ऑडिट करने वालों ने अगर पुल को फिट करार दिया था किसकी जिम्मेदारी है कि वो आकर बताए कि सही करार देने के बावजूद पुल का हिस्सा कैसे गिरा?
- मुंबई पुलिस अपनी शुरुआती जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि इस ब्रिज की देखरेख, मरम्मत से लेकर सारी ज़िम्मेदारी बीएमसी की है रेलवे की नहीं लेकिन अगर ये पुल रेलवे स्टेशन से जोड़ता था तो इसकी कुछ जिम्मेदारी रेलवे पर भी आनी चाहिए या नहीं?
- इस ब्रिज को साल 1988 में बनाया गया था और साल 2016 में इसकी छोटी सी मरम्मत और पेंट किया गया था, जब मरम्मत और पेंट किया जा रहा था तो क्या पुल की वास्तविक स्थिति को जानबूझकर अनदेखा किया गया?
- साल 2017 में इस ब्रिज का जायजा लिया गया था उस समय जेडी देसाई कंसल्टेंट ने बताया कि ब्रिज की हालत ठीक है, जेडी देसाई कंसल्टेंट पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप बनता है या नहीं?
- दिसंबर 2018 में इस ब्रिज की मरम्मत का निवेदन निकाला गया लेकिन वो अबतक स्थाई समिति में प्रलंबित है, इतनी भीड़भाड़ वाले पुल की मरम्मत का काम क्यों लटकाकर रखा गया? इसकी जवाबदेही किसकी है?
- खबरों के मुताबिक एफआईआर में बतौर आरोपी दर्ज रेलवे अधिकारी/कर्मचारी का ज़िक्र हटाया जाएगा. आज देर शाम तक आरोपियों को नाम एफ़आईआर में शामिल किए जाएंगे. यानि पुलिस की रेलवे को क्लीन चिट तो दे दी गई है लेकिन रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले इस पुल पर हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है?
मुम्बई के सीएसटी में ब्रिज हादसे के बाद रेल और बीएमसी दोनों प्रशासन ब्रिज की जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ रहे थे. हालांकि बीएमसी ने अब इस बात को स्वीकार किया है कि ब्रिज बीएमसी की जवाबदेही के अंदर आता है. कल हुए हादसे में 3 महिला और 3 पुरुष यानी कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुम्बई पुलिस ने धारा 304 A यानी गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
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