नई दिल्ली: कमला मिल कंपाउंड में मुंबई के लोगों की शाम रंगीन बनाने वाले मोजो रेस्टोरेंस्ट, द लंदन टैक्सी और वन एबव रेस्टोरेंट की एक हादसे ने तस्वीर बदल कर रख दी है. नए साल से पहले मुंबई में इस बड़े अग्निकांड में 14 लोगों की मौत हो गई. हालांकि इसे मौत नहीं हत्या कहा जा रहा है.


इन मौतों को हत्या कहने के पीछे वजह कि बीएमसी से लेकर राज्य सरकार ने कमला मिल कंपाउंड में रेस्टोरेंट चलाने की मंजूरी देने में बड़ी लापरवाहियां की हैं. खुलासा हुआ है कि इस रेस्टोरेंट की खामियों को लेकर महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी से पहले ही शिकायत की गई थी.


एनजीओ चलाने वाले इलियास एजाज खान नाम के शख्स ने 11 जुलाई को ही शिकायत की थी. शिकायत के बाद बीएमसी के अधिकारी आए भी थे, कार्रवाई की सिफारिश भी की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ.


मंगेश कसालकर नाम के शख्स ने भी 10 अक्टूबर को बीएमसी से शिकायत की थी. लेकिन बीएमसी ने कथित तौर पर जांच करके आरोपों को ही झूठा बताया था. बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने भी बीएमसी पर लापरवाही का आरोप जड़ दिया है.


ABP न्यूज की पड़ताल और चश्मदीदों के बयान के आधार पर वन एबव रेस्टोरेंट में कई खामियां सामने आई हैं. रेस्टोरेंट में आग बुझाने वाले यंत्र नहीं थे. इसके अलावा रेस्टोरेंट में फायर एग्जिट बंद था और वहां पर सामान रखा हुआ था. इस वजह से लोग उस रास्ते में आग के दौरान नहीं भाग पाए.


रेस्टोरेंट में खाना खा रहे लोगों को जब लगा कि रेस्टोरेंट आग की लपटों में घिर चुका है तब उन्हें बचाने या इमरजेंसी रास्ता बताने वाला रेस्टोरेंट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. कर्मचारी सबसे पहले रेस्टोरेंट छोड़कर भाग गए. आपको बता दें कि जो 14 जानें गई हैं वो वन एबव रेस्टोरेंट में ही गई हैं.


राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे वाली जगह का जायजा लिया और होटल मालिकों पर कार्रवाई की बात कही. बीएमसी में शिवसेना सत्ता में है ऐसे में सवाल सबसे ज्यादा शिवसेना पर उठ रहे हैं. लेकिन विपक्ष शिवसेना के साथ-साथ बीजेपी पर भी हमलावर है.लेकिन शिवसेना ने हादसे का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ दिया है.


कमला मिल कंपाउंड अग्निकांड के बाद बीएमसी ने 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. मधुकर शेलार, जूनियर इंजीनियर धनराज शिंदे, सब इंजीनियर महाले, मेडिकल अफसर पडगिरे, फायर ऑफिसर एस एस शिंदे, वहीं असिस्टेंट कमिश्नर प्रशांत सपकाले का तबादला कर दिया है.


सवाल है कि क्या ये तबादला करना ही काफी है क्योंकि अगर शिकायककर्ताओं की बात सुनकर बीएमसी और राज्य सरकार रेस्टोरेंट में अवैध निर्माण करने वालों पर कार्रवाई करती और फायर विभाग अपनी जांच ठीक ढंग से करता तो 14 जिंदगियां बच जाती.