नई दिल्लीः दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़ों को लेकर भी अब असमंजस की स्थिति बन गई है. दिल्ली सरकार के आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 10 जून तक दिल्ली में 984 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई थी. लेकिन अब एमसीडी ने दिल्ली सरकार के आंकड़ों पर यह कहते हुए सवाल उठा दिया कि एमसीडी के पास जो आधिकारिक आंकड़े मौजूद हैं उसके मुताबिक दिल्ली में कोरोना संक्रमण के चलते करीब 2100 लोगों की मौत हुई है ना की 984 लोगों की.
तीनों नगर निगमों के मुताबिक कोरोना संक्रमित मौतों का आंकड़ा 2098
तीनों नगर निगमों की तरफ से आधिकारिक तौर पर आंकड़ा जारी करते हुए कहा गया कि फिलहाल तीनों नगर निगमों के पास जो आंकड़ा है वह दिखाता है कि देश की राजधानी दिल्ली में अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से कुल 2098 मौतें हो चुकी हैं.
एमसीडी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक ये जितनी भी मौतें हुई हैं ये सभी कोरोना के पॉजिटिव केसेज़ वाले लोगों की थी. हालांकि इसके अलावा कई ऐसे मामले भी सामने आए है जिसमें मृतक को कोरोना संदिग्ध बताते हुए अंतिम संस्कार हुआ है. बीजेपी शासित एमसीडी के मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के अनुसार 2098 मौतों का आंकड़ा अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही तैयार किया गया है.
तीनों नगर निगमों ने जारी किया अलग-अलग आंकड़े
तीनों नगर निगमों की तरफ से आंकड़ा जारी करते हुए बताया गया कि नगर निगमों के आंकड़ों के मुताबिक अब तक जहां दक्षिण दिल्ली नगर निगम के तहत कोरोना संक्रमण की वजह से 1080 मौतें हुई हैं तो वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 976 मौतें हो चुकी है. इसी तरह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक 42 मौतें रिकॉर्ड में दर्ज हैं और अगर तीनों नगर निगमों के आंकड़े जुड़ जाते हैं तो यह आंकड़ा 2098 का आता है.
तीनों नगर निगमों के मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के चेयरपर्सन ने दावा किया है कि उनके पास जो आंकड़े हैं वह अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही दर्ज किए गए हैं और यह वही आंकड़े हैं जिस को आधार बनाकर शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.
दिल्ली में कोरोना संक्रमण मौतों को लेकर भी शुरू हुई राजनीति
साफ तौर पर एमसीडी द्वारा जारी किए गए आंकड़े दिल्ली सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं, यहां तक कि दोगुने से भी ज्यादा हैं. एमसीडी पर आसीन लोगों की मानें तो इन आंकड़ों पर कहीं से कोई सवाल नहीं उठ सकता. अगर किसी को कोई शक है तो एमसीडी के पास दर्ज रिकॉर्ड के आधार पर वे जवाब देने को भी तैयार हैं.
यानी कुल मिलाकर दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वजह से हो रही मौतों को लेकर भी अब सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. जबकि दिल्ली की जनता यही चाहती है कि कोरोना महामारी के इस दौर में सियासत से दूर रहकर जनता की सुध लेते हुए उनकी दिक्कतों को दूर किया जाए.
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