(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कौन हैं बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह, जिन्हें WFI के पद से एक दिन बाद ही कर दिया गया निलंबित
साल 2008 में संजय सिंह को वाराणसी कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाया गया था और तब से वह WFI का अध्यक्ष बनने तक यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे. 2009 में उन्हे प्रदेश के कुश्ती संघ का उपाध्यक्ष बनाया गया था.
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनावों को लेकर मचे घमासान में संजय सिंह का नाम काफी चर्चाओं में है. पहले 40 वोट जीतकर उन्हें बीते गुरुवार (21 दिसंबर) को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया और एक दिन बाद ही कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया गया. साथी ही संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी गई.
संजय सिंह के अध्यक्ष बनने पर पहलवानों ने नाराजगी जताई और महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया. साक्षी मलिक का कहना था कि बृज भूषण शरण सिंह जैसा ही कोई दूसरा शख्स कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन गया है. उधर, रेस्लर बजरंग पुनिया ने भी पीएम आवास के सामने अपना पद्मश्री रख दिया और चिट्ठी भी लिखी. पहलवानों के रुख को देखते हुए सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया. कुश्ती संघ के अध्यक्ष बनने के बाद चर्चाओं में आए संजय सिंह कौन हैं आइए जानते हैं-
कौन हैं संजय सिंह (Who is Sanjay Singh)
संजय सिंह का बृज भूषण शरण सिंह के खेमे से ही ताल्लुक है. संजय सिंह एक बिजनेसमैन भी हैं और बृज भूषण शरण सिंह के बेहद करीबी हैं. बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू में संजय सिंह ने बताया था कि बृजभूषण के साथ उनके परिवार के अच्छे रिश्ते हैं और करीब तीस साल से ये लोग एकसाथ हैं. संजय सिंह का राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) से पुराना नाता है और डब्ल्यूएफआई के एग्जूक्यूटिव काउंसिल के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं. साल 2019 में वह नेशनल फेडरेशन के ज्वॉइंड सेक्रेटरी बनाए गए थे. संजय सिंह उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के झांसी गांव के रहने वाले हैं. वाराणसी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष राजीव सिंह उर्फ रानू ने बताया कि संजय सिंह के परिवार का जुड़ाव किसानी और खेती से रहा है.
पिता करवाते थे रेस्लिंग के मैच
द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय सिंह को रेस्लिंग सर्कल में बबलू के नाम से जाना जाता है. रिपोर्ट में कहा गया कि संजय सिंह के पिता नंद लाल सिंह गांव में रेस्लिंग के मैच करवाते थे, जिस वजह से संजय का भी रुझान रेस्लिंग की ओर बढ़ गया. कुश्ती संघ के साथ जुड़ने से पहले संजय सिंह रेस्लिंग मैचों के आयोजनों में शामिल रहते थे.
कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने से पहले वह राष्ट्रीय कुश्ती संघ के जॉइंट सेक्रेटरी और वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे. साल 2008 में उन्हें वाराणसी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था और तभी से वह इस पद पर हैं. साल 2009 में संजय सिंह को प्रदेश के कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के तौर पर चुना गया. पूर्वांचल की महिलाओं को कुश्ती में लाने में उनका महत्वपूर्ण रोल रहा है.
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