हर साल विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर कार्यालय में RSS का वार्षिक उत्सव मनाया जाता है. इस कार्यक्रम में किसी विशेष व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने की प्रथा है. इस साल RSS ने इस कार्यक्रम में पर्वतारोही संतोष यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. 


इस बार आने वाले मुख्य अतिथि की जानकारी RSS ने ट्वीट के जरिए दी, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वार्षिक विजयादशमी उत्सव 5 अक्तूबर, 2022 को नागपुर में सम्पन्न होगा. इस उत्सव में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पर्वतारोही पद्मश्री संतोष यादव जी होंगी.’


कौन हैं संतोष यादव


संतोष यादव का नाम सुनकर जहन में कोई आम सी महिला की तस्वीर बन सकती है लेकिन ये कोई आम महिला नहीं बल्कि माउंट एवरेस्ट फतह करने का रिकॉर्ड बनाने वाली दुनिया की पहली महिला हैं.


संतोष दुनिया की पहली महिला हैं, जिन्होंने 8848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट को 2 बार फतह किया है. वर्तमान में  संतोष भारत-तिब्बत सीमा पुलिस पर बतौर अधिकारी तैनात हैं.


संतोष ने साल 1992 और 1993 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था. वह हरियाणा की रहने वाली हैं और तमाम समाजिक पाबंदियों के बाद पहले शिक्षा और बाद में यह कीर्तिमान हासिल किया. संतोष की इस खास उपलब्धि पर साल 2000 में उन्हें देश के तत्कालीन राष्ट्रपति ने पद्मश्री से सम्मानित था. 


हरियाणा के छोटे से गांव में हुआ जन्म


संतोष यादव का ताल्लुक हरियाणा के रेवाड़ी जिला से है. वह वहां के एक छोटे से गांव जोनियावास में पली बढ़ी. उनका जन्म भी वहीं हुआ था. संतोष के पिता का नाम सूबेदार रामसिंह यादव और माता का नाम श्रीमती चमेली देवी है.


संतोष ने साल 1980 में जयपुर के महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से BA की परीक्षा उत्तीर्ण की, यह वो दौर था जब लड़कियों को पढ़ने लिखने से ज्यादा घर के कामकाज सीखाने पर जोर दिया जाता था.  


उस समय गांव में लड़कियों की पढ़ाई पर पाबंदी थी लेकिन अपने हौसलों कुछ अलग करने के जज्बे के कारण संतोष ने ना सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि माउंट एवरेस्ट फतह करने का सपना भी पूरा किया. 


बचपन से था पर्वतारोहण का शौक


संतोष को बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक था, उनकी ट्रेनिंग साल 1986 में उत्तर काशी से हुई और उन्होंने साल 1992 में पहली बार माउंट एवरेस्ट को फतह करने में सफलता हासिल की.


इसके बाद उन्होंने दोबारा एक साल बाद साल 1993 में भी माउंट एवरेस्ट को फतह किया. उन्हें साल 2000 में  इस महान उपलब्धी के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. इसके बाद साल 2001 में  लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें साल 1994 में National Adventure Award से भी सम्मानित किया गया था. 


बता दें कि इस साल विजयादशमी के मौके पर संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के नेतृत्व में इसके स्थापना को 97 साल पूरे हो जाएंगे. वर्तमान में RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत हैं. वहीं RSS के होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बड़े बड़े दिग्गज आ चुके हैं. इससे पहले  नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा रह चुके हैं.


आरएसएस ने क्यों बुलाया?


संघ के किसी कार्यक्रम में आम तौर पर महिलाओं के लिए आमंत्रण नहीं रहता है. इसको लेकर विपक्षी संगठन पर भेदभाव का आरोप भी लगाते रहते हैं. हालांकि आरएसएस के नेता इन आरोपों को इस बात से काउंटर करते हैं कि उनके संगठन में महिलाओं के लिए विंग है और वह महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाते हैं. 


विजयादशमी के दिन संघ स्थापना दिवस मनाता है. इस दिन डॉ. हेडगेवार ने नागपुर में आरएसएस की स्थापना की थी. यह आरएसएस का हर साल होने वाला सबसे बड़ा कार्यक्रम है. इससे पहले संघ ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रण देकर चौंका दिया था. 


प्रणब मुखर्जी ने इस कार्यक्रम में शिरकत की थी और हेडगेवार को भारत माता का बेटा बताया था. उस समय कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रणब मुखर्जी से कार्यक्रम में न जाने की अपील की थी.


बात करें संतोष यादव की आरएसएस ने उनको आमंत्रण देकर एक तरह से विपक्ष को उस आरोप पर जवाब देने की कशिश की है जिसमें उस पर महिला विरोधी कहा जाता है. इसके साथ ही संघ ने ओबीसी राजनीति को भी साधने की कोशिश की जिस पर बीजेपी इस समय पूरा फोकस कर रही है.