Allahabad High Court Order: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को सोमवार (27 मई) को बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सपा विधायक की गिरफ्तारी की गई है. उन्हें कार में बैठाकर पुलिस की टीम मेरठ के लिए रवाना हो गई. हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते 1995 के मामले में मेरठ के विधायक रफीक अंसारी को राहत देने से इनकार कर दिया था.
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ सिटी विधानसभा से सपा विधायक रफीक अंसारी को एक पुराने मामले में 100 से ज्यादा नोटिस जारी किए गए थे. बावजूद इसके वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिसको लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.
क्या है मामला?
समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी और अन्य लोगों के खिलाफ साल 1995 में एक मामले में केस दर्ज हुआ था. मगर,रफीक अंसारी इस मामले को लेकर कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. हालांकि, इस मामले में एमपी/एमएलए मेरठ कोर्ट लगातार सपा विधायक को वारंट जारी करती रही. इस मामले पर जब कोर्ट ने विधायक के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया तो रफीक अंसारी उस पर स्टे लेने के लिए हाई कोर्ट पहुंच गए.
हाई कोर्ट में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत आपराधिक केस में वारंट को चुनौती दी गई थी. हालांकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा विधायक को राहत देने के बजाय एनबीडब्ल्यू जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई.
जानिए कौन है सपा विधायक रफीक अंसारी?
हाजी रफीक अंसारी मेरठ शहर विधानसभा सीट से विधायक हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. वह मेरठ शहर से सपा की टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए थे. दरअसल साल 1995 रफीक अंसारी समेत करीब 35-40 लोगों के खिलाफ मेरठ के नौचंदी थाने में आगजनी, तोड़फोड़ और बलवा मामले में केस दर्ज किया गया था.
कुर्की के बावजूद भी नहीं हुए HC में पेश
विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ लगातार गैर-जमानती वारंट और धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हुए. ऐसे में उन्होंने एमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की. यहां उनके वकील ने तर्क दिया कि मामले में 22 आरोपियों को 15 मई, 1997 के फैसले में बरी कर दिया गया. ऐसे में रफीक अंसारी के खिलाफ केस कार्रवाई रद्द करनी चाहिए.
HC के आदेश के बाद हुआ एक्शन
इस मामले में हाई कोर्ट ने विधानसभा के प्रमुख सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह को रफीक अंसारी की गिरफ्तारी के आदेश दिए. हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि रफीक अंसारी विधानसभा की कार्रवाई में कैसे हिस्सा ले रहे हैं, जबकि कोर्ट ने उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है. इसके बाद डीजीपी ने एडीजी मेरठ जोन को इस मामले में गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे.
डीजीपी ने निर्देश दिया है कि रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की ओर से पहले ही जारी किए गए गैर-जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें. अगर, वह अभी तक तामील नहीं हुआ है और अगली तारीख पर हलफनामा दायर किया जाएगा.
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