SC-ST कोटे पर नहीं दिया CJI चंद्रचूड़ का साथ, जानें- कौन हैं 6 जजों से अलग फैसला देने वाली जस्टिस
Justice Bela Trivedi: सुप्रीम कोर्ट ने अनसूचित जाति और अनसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर फैसला दिया था. बेला त्रिवेदी उन 7 जजों में से एक थीं, जिन्होंने इस फैसले से असहमति जताई थी.
Justice Bela Trivedi: सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में कोटे के अंदर कोटा बनाकर आरक्षण देने का फैसला सुनाया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था. यानी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ समेत 6 जजों ने फैसले पर सहमति दी तो वहीं इस बेंच की जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने असहमति पर फैसला दिया.
इस दौरान जस्टिस बेला त्रिवेदी ने गुरुवार (1 अगस्त) को 7 जजों वाली संविधान पीठ के अन्य 6 जजों से असहमति जताते हुए कहा कि राज्यों को संविधान के तहत राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचित अनुसूचित जातियों के भीतर किसी विशेष जाति को वरीयता देने वाला कानून लाने का अधिकार नहीं है. बेला एम. त्रिवेदी ने आगे कहा कि राज्यों की ओर से ऐसा कोई भी उप-वर्गीकरण भेदभाव और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा. अपने इस फैसले के बाद जस्टिस बेला त्रिवेदी चर्चा में आ गई हैं?
CJI चंद्रचूड़ समेत 6 जजों से अलग दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्यों की ओर से एससी कैटेगरी में शामिल उपजातियों को वरियता के आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ देना संभव हो सकेगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य उपजातियों का वर्गीकरण कर हाशिये पर रहने वाले जरूरतमंदों को विशेष लाभ दे सकेगा. हालांकि, संविधान पीठ में शामिल जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत से इतर अपना फैसला दिया. उन्होंने कहा कि राज्य विधानमंडलों (विधानसभा और विधानपरिषद) को एससी कैटेगरी में पहले से लिस्टेड जातियों को रिग्रुप करने का अधिकार नहीं है.
जानें कौन हैं जस्टिस बेला त्रिवेदी?
सुप्रीम कोर्ट में जज बेला एम. त्रिवेदी को साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. जस्टिस बेला त्रिवेदी गुजरात हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन पाने वाली पहली महिला जस्टिस हैं. उनका जन्म 10 जून 1960 को गुजरात के पाटन में हुआ था. इसके अलावा उनके पिता ही न्यायिक सेवा में ही कार्यरत थे, जिस वजह से उनका ट्रांसफर होता रहता था. जिसके चलते बेला त्रिवेदी ने कई जगहों से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. बेला त्रिवेदी ने वडोदरा में एमएस यूनिवर्सिटी से बीकॉम-एलएलबी की पढ़ाई की.
गुजरात हाई कोर्ट में जज रहकर निभाई जिम्मेदारी
जस्टिस बेला त्रिवेदी 10 जुलाई 1995 को अहमदाबाद के सिटी सिविल और सेशंस कोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुईं. जबकि, जस्टिस बेला त्रिवेदी का नाम साल 1996 के एडिशन में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. इसका विषय था- पिता और बेटी एक ही कोर्ट में जज होना. तकरीबन 16 साल के बाद जस्टिस बेला त्रिवेदी को गुजरात हाईकोर्ट का जज बनाया गया. उन्होंने हाईकोर्ट में बतौर जज 17 फरवरी 2011 को पदभार ग्रहण किया था. उन्होंने खासकर सिविल और कांस्टीट्यूशनल विवादों से जुड़े मामलों में अपने स्किल का प्रदर्शन किया.
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