तारकिशोर प्रसाद कटिहार से चौथी बार विधायक चुने गए हैं. 64 वर्षीय तारकिशोर ने इस बार के विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के राम प्रकाश महतो को करीब 10 हज़ार मतों के अंतर से शिकस्त दी है. संगठन में कई अहम पदों पर रह चुके तारकिशोर को भारतीय जनता पार्टी ने विधानमंडल दल का नेता चुना है.


बिहार में नीतीश की नेतृत्व में बनने जा रही बीजेपी-जेडीयू की सरकार में किशोर प्रसाद उप-मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे. रविवार को एनडीए विधानमंडल दल की बठक में बीजेपी विधानमंडल दल के नेता के तौर पर अप्रत्याशित रूप से उनके नाम पर मुहर लगी.  शांत स्वभाव पर विभिन्न मोर्चों पर पार्टी का मजबूती से पक्ष रखना इनकी खासियत है. दरअसल, सुशील मोदी को नीतीश कुमार की कैबिनेट में डिप्टी सीएम से हटाकर बीजेपी ने कई संकेत देने की कोशिश की है.


बिहार में बतौर डिप्टी सीएम के तौर पर करीब ग्यारह साल से भी ज्यादा समय से काम करने वाले वैश्य समुदाय से ही आने वाले सुशील कुमार मोदी मूल रूप से राजस्थान के हैं, जबकि वैश्य समाज से ही आने वाले तारकिशोर प्रसाद कटिहार यानी बिहार के मूल निवासी हैं. सुशील मोदी के मुकाबले बिहारी और वैश्य समुदाय से एक चेहरा को आगे कर बीजेपी ने अपने कोर वोटर को ये आश्वस्त किया कि उसे अपने जनाधार का पूरा ख्याल है और नेता भले ही कोई हो पर समाज उपेक्षित नहीं होगा.


कौन है तारकिशोर?


साल 1974 में ललित नारायण यूनिवर्सिटी से इंटर पास तारकिशोर प्रसाद 1980 के दशक से ही राजनीति में हैं. वह पहली दफा फरवरी 2005 में सिर्फ 165 वोटों के अंतर से राम प्रकाश महतो को हराकर कटिहार से विधायक बने थे. इसके बाद अक्टूबर 2010 और साल 2015 के चुनाव में वह भारी वोटों के अंतर से जीतने में कामयाब रहे. उनका परिवार मूलरूप से सहरसा जिले के तलखुआ गांव का रहनेवाला है. वह वैश्य समाज से आते हैं, जेस बिहार में पिछड़ा वर्ग का दर्ज मिला हुआ है.


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