नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के चीफ तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा से साल 2014 में गिरफ्तार किया था. तहसीन अख्तर पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था और इसी के इशारे पर नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में धमाके किए गए थे. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन अख़्तर पर पटना के अलावा बोधगया और हैदराबाद धमाकों के भी आरोप है. तहसीन अख्तर को साल 2014 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उस वक़्त गिरफ्तार किया था जब ये पाकिस्तान भागने की कोशिश कर रहा था. तहसीन को यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आईएम चीफ बनाया गया था.


तहसीन अख्तर साल 2005 से 2013 तक इंडियन मुजाहिदीन के आईटी सेल का मुख्य सदस्य रहा है. तहसीन अख्तर आईएम के साउथ इंडिया मॉड्यूल का मुखिया भी था और इसके ग्रुप में ज़िया उर रहमान ऊर्फ वकास, असदुल्ला अख्तर,मोहम्मद मारूफ, वकार अज़हर, मोहम्मद साजिद अंसारी सहित 10 से ज्यादा आतंकी थे. यासीन भटकल के कहने पर ही तहसीन अख्तर ने साल 2010 से 2013 के बीच कई धमाकों को अंजाम दिया था जिनमें साल 2013 का हैदराबाद बम ब्लास्ट भी है. साल 2013 हैदराबाद में इसने जो 2 बम  धमाके करवाए थे उसमे 17 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


तहसीन की गिरफ्तारी के 1 साल पहले 2013 में इसके बॉस और भटकल भाईयों में सबसे छोटे यासीन भटकल की गिरफ्तारी हुई थी. यासीन को सुरक्षा एजेंसियों ने मुम्बई बम धमाके, पुणे के जर्मन बेकरी बम धमाके सहित देशभर में 2005 से 2012 तक हुए करीब 10 बम धमाकों में साजिश रचने और बम प्लांट करने के मामले में अरेस्ट किया था. गिरफ्तारी के बाद तहसीन अख्तर ने जांच एजेंसीज को आईएम के राजस्थान और यूपी मॉड्यूल की पूरी जानकारी दी थी. तहसीन अख्तर की जानकारी के बाद जांच एजेंसियों ने 50 किलो एक्सप्लोसिव और 400 डेटोनेटर्स बरामाद किये थे, जिसे देशभर में बम धमाकों के लिए इस्तेमाल किया जाना था.


तहसीन अख्तर ने भी रियाज भटकल, इक़बाल, यासीन भटकल के साथ भटकल की पहाड़ियों पर बम बनाने और आतंक की ट्रेनिंग ली हुई थी. तहसीन को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और कम्प्यूटर कि जानकरी थी और वो आईएम के कई मॉड्यूल को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बनाने और ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देता था.


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