Rajasthan Shiva Temple Demolition:अलवर के राजगढ़ इलाके के सराय बाज़ार में नगर पालिका के अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान टूटे शिव मंदिर का दोषी कौन है? कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. पार्षद कांग्रेस के स्थानीय विधायक पर और कांग्रेस विधायक नगर पालिका चेयरमैन पर आरोप लगा रहे हैं. 17 और 18 अप्रैल को यहां बुल्डोजर चला जिससे की लोगों के घरों के नक्शे ही बदल गए हैं. कोई अपने घरों की छत पर ही अटका रह गया तो कोई दुकान और घर टूट जाने से परेशान हैं लेकिन इसी कार्यवाही में 300 साल पुराने मंदिर के इस एक कोने में बने शिव मंदिर को भी तोड़ दिया गया. इससे स्थानीय लोगों में काफी रोष है.


यहां बीजेपी के 3 सांसद आ चुके हैं और बीजेपी का एक 5 सदस्यीय डेलीगेशन भी आ चुका है. पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि शिव मंदिर तोड़े जाने का दोषी कौन है? या मंदिर तोड़ने का फ़ैसला किसने लिया? आदेश किसने दिया और ज़िम्मेदारी किसकी है?


35 सदस्यों वाली नगर पालिका में 20 निर्दलीय पार्षद हैं, 14 बीजेपी के और एक कांग्रेस का पार्षद है. निर्दलीय पार्षदों का कहना है कि हमने मीटिंग में अनुमोदन सिर्फ़ सड़क चौड़ी करने का दिया था मंदिर तोड़ने का नहीं. बात पूरी तरह से साफ है कि अतिक्रमण हटाने का अनुमोदन तो किया गया लेकिन मंदिर हटाने को लेकर अलग से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए. ऐसे अगर आदेश का अनुपालन करने वाली एजेंसी यानी प्रसाशन ने मोटे तौर पर दिए गए आदेश का ही अनुपालन किया तो तकनीकी रूप से उसे दोषी कैसे दिया जा सकता है. 


कांग्रेस ने लगाए बीजेपी पर आरोप
हालांकि कांग्रेस के स्थानीय विधायक भी प्रसाशन पर आरोप न लगा कर आरोप सीधा बीजेपी पर लगा रहे हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा, नगर पालिका के चेयरमैन और बोर्ड के खिलाफ मैंने एफआईआर कर दी है. मंदिर तोड़ने में वही दोषी हैं. बीजेपी ये सब करवा रही है. सरकार ने पहले ही ये कह दिया है कि मंदिर बीजेपी के कारण टूटा है लेकिन उसे दोबारा बनवाया जाएगा. सरकार के इस बयान से इलाके में तनाव कम करने में मदद मिली है लेकिन बीजेपी के 2 लोकसभा और एक राज्य सभा सांसद ने मौके पर पहुंच कर स्थानीय कांग्रेस विधायक पर आरोप लगाया है कि विधायक की शह पर ही मंदिर को तोड़ा गया है.


कांग्रेस विधायक का एक वीडियो हुआ था वायरल
राजगढ़ के कांग्रेस विधायक का एक वीडियो भी वायरल है जिसके माध्यम से बीजेपी का आरोप है कि विधायक जौहरी लाल मीणा ने मंदिर टूटने से पहले ही कहा था कि 34 पार्षद कांग्रेस में शामिल हो जाएं तो मैं मंदिर टूटने से बचा लूंगा. लेकिन कांग्रेस विधायक ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए इस पर सफ़ाई भी दी है. उन्होंने कहा, वायरल वीडियो को गलत तरीके से बताया जा रहा है, कहा जा रहा है कि मैंने 34 पार्षदों को कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा वो बिल्कुल झूठ है. वीडियो में मैंने कहा था कि 34 पार्षदों को पास लाने पर मैं साथ दे सकूंगा क्योंकि ये लोकतंत्र है इसमें साथ की जरूरत है लेकिन बीजेपी पार्षद यहां से चले गए. गलती नगर पालिका के चेयरमैन की है उनके और बोर्ड के खिलाफ मैंने एफआईआर लिखा दी है.


विश्व हिन्दू परिषद कर सकता हस्तक्षेप
इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि अभी जांच चल रही है उसके बाद ही एफआईआर आदि की कार्यवाही की जाएगी. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा जी ने एक प्रार्थनापत्र दिया है जिसमें नगर पालिका चेयरमैन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है जिस पर नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी. मंदिर तोड़े जाने के मामले में एक ऑनलाईन परिवाद दर्ज किया गया है जिस पर जांच चल रही है. कोई एफआईआर अभी तक नहीं हुई है. कोई तनाव नहीं है. स्थिति सामान्य है. दोषी नगर पालिका का अस्पष्ट आदेश है या स्थानीय प्रसाशन की असम्वेदनशीलता इसका फैसला तो जांच के बाद ही होगा लेकिन बीजेपी और उससे जुड़े संगठन इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहते. एबीपी न्यूज़ सूत्रों के अनुसार प्रदर्शन के स्तर पर अब जल्द ही इस मामले में विश्व हिंदू परिषद की भी एंट्री हो सकती है.


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