नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा की 73वीं बैठक शुरू हुई तो दुनिया पर छाए कोरोना संकट का मुद्दा की सेहत की सबसे बड़ी पंचायत में छाया रहा. वहीं चीन के वुहान से शुरू हुए नोवल कोरोना वायरस के स्रोत की पुख्ता पड़ताल कराने और इस संक्रमण के जवाब में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कामकाज की स्वतंत्र-निष्पक्ष समीक्षा की मांग उठाने वाले प्रस्ताव को समर्थन देने वाले मुल्कों की संख्या करीब 120 हो गई. भारत समेत अनेक देशों के दस्तखत से बढ़ाए गए इस प्रस्ताव पर 19 मई को निर्णय होगा.


सौ से अधिक देशों की तरफ से विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में आगे बढ़ाए गए प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस वायरस के स्रोत और इंसानों के शरीर में दाखिल होने की जांच जरूरी है. इसके लिए एक सेहत नीति के तहत सभी देश जानवरों की सेहत की निगरानी करने वाले वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ, फूड एंड एग्रीकल्चर समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे. बैठक में एजेंडा आइटम संख्या तीन के तौर पर शामिल किए गए इस प्रस्ताव के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण स्रोत की जांच से भविष्य में ऐसे जूनेटिक वायरसों के वाहकों की रोकथाम में मदद मिलेगी.


महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलिया कोरोना वायरस के स्रोत के लिए चलाई जा रही जांच मुहिम की अगुवाई कर रहा है. बीते दिनों एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत में ऑस्ट्रेलिया के गृह राज्य मंत्री जेसन वुड्स ने खुलकर चीन के पशु मांस बाजारों पर सवाल उठाए थे. वुड्स ने जोर देते हुए कहा था कि सार्स के बाद चीन से ही निकले कोरोना वायरस के स्रोत की जांच की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.


विभिन्न देशों की तरफ से रखे गए प्रस्ताव में कोरोना संक्रमण के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के कामकाज की निष्पक्ष और चरणबद्ध समीक्षा की भी बात कही गई है. इस प्रस्ताव को 19 मई को विश्व स्वास्थ्य सभा में बैठक अनुमोदन के लिए रखा जाएगा. इसके प्रस्तावकों में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, रूस, ब्रिटेन, तुर्की, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया,अफ्रीकी समूह के देश और यूरोपीय संघ के मुल्क शामिल हैं. रोचक है कि कोरोना वायरस के कारण 900 जानें गंवाने के बावजूद पाकिस्तान जैसा चीन का दोस्त इस फेहरिस्त में शामिल नहीं है. हालांकि सोमवार को शुरू हुई विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक को संबोधित करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि


कोरोना संकट के खत्म होने के बाद WHO की अगुवाई में इस स्वास्थ्य संकट के दौरान वैश्विक प्रतिक्रिया की समीक्षा की जा सकती है. यह समीक्षा निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए. कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के कई देशों से उठने वाले सवालों से घिरे चीन के राष्ट्रपति ने वैश्विक चुनौती में सबकी साझेदारी की भी दुहाई दी. साथ ही करोड़ों डॉलर की सहायता की भी झोली खोली.


कोरोना संकट के दौरान भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके महानिदेशक डॉ टेडरोस को लेकर भले ही कई जानकारों ने प्रबंधन के सवाल उठाए गए हों. मगर विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक में शी जिनपिंग ने डॉ टेडरोस की जमकर तारीफ की.


विश्व स्वास्थ्य संगठन की 73 वीं बैठक में अध्यक्ष बहामास के चुना गया. वहीं बैठक के लिए हुए उपाध्यक्ष चुनाव में चीन का भी निर्वाचन हुआ. इस बैठक के दौरान अगले एक साल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड सदस्यों का भी चुनाव होगा. बोर्ड की 22 मई को होने वाली बैठक के बाद इसकी कमान भारत के हाथ होगी.




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