शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से किसने किया था बेदखल? भारतीय राजदूत ने किया बड़ा खुलासा
Bangladesh News: इस साल अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था. इस तख्तापलट के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना देश भी छोड़ना पड़ा था.
Bangladesh News: बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट हो गया था. आरक्षण को लेकर पर शुरू हुए प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गए थे. इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ना पड़ा था. इसी बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अचानक शुरू नहीं हुआ था. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने गए मोहम्मद यूनुस ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन के पीछे के असली मास्टरमाइंड के बारे में बताया.
भारतीय राजदूत कलारिकल प्रांचू फेबियान ने कही ये बात
भारतीय राजदूत कलारिकल प्रांचू फेबियान ने कहा, 'बांग्लादेश में पहले छात्रों ने आरक्षण को लेकर आंदोलन किया था. आरक्षण को लेकर उनकी सोच अच्छी थी लेकिन उन्होंने आंदोलन जारी रखा. यह सच है कि शेख हसीना ने पिछले कई सालों से बांग्लादेश के लिए बहुत काम किया है लेकिन यह भी सच है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किसी की नहीं सुनी. शेख हसीना ने अपने करीबियों को यह नहीं बताया कि आरक्षण को लेकर आंदोलन होगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'हम सब जानते हैं कि युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं. सत्ता बिल्कुल अलग-थलग है.उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को शेख हसीना ने वहां के जनरल को बुलाया और जनरल ने उनसे कहा कि मैडम, जो छात्र विरोध कर रहे हैं वे अब प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे हैं. वे बहुत परेशान हैं और बहुत गुस्से में हैं. इसके बाद शेख हसीना ने गुस्से में जनरल से पूछा कि मैंने आपको क्यों बहाल किया है. यह भी कहा जा सकता है कि शेख हसीना वास्तविक स्थिति को समझ नहीं रही थीं.'
मोहम्मद यूनुस ने बताया विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन?
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस ने कहा कि कोई नहीं समझ पा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन है. लेकिन, उन्होंने महफूज अब्दुल्ला का नाम लेते हुए संकेत दिया कि हसीना को देश से बाहर करने में उनकी भूमिका थी. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बांग्लादेश के पिछले प्रधानमंत्री यूनुस ने जिस व्यक्ति का नाम लिया है, वह हो सकते हैं क्योंकि उनका नाम पहली बार मीडिया में आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि छात्रों ने विरोध किया और आरक्षण में राहत मिलने के बाद भी छात्रों ने आंदोलन जारी रखा.
पाकिस्तान के आईएसआई, जमात-ए-इस्लामी के साथ मिलकर उन लोगों की निश्चित रूप से शेख हसीना की सरकार को गिराने की योजना थी.उल्लेखनीय है कि मोहम्मद यूनुस ने महफूज आलम के नेतृत्व की तारीफ की और उन्हें पूरे आंदोलन का जिम्मेदार ठहराया. यूनुस ने कहा, 'उन्हें पूरे क्रांति के पीछे का दिमाग माना जाता है. वह बार-बार इससे इनकार करते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ही माना जाता है. पूरी चीज के पीछे उनका दिमाग है. यह अचानक नहीं हुआ. इसे बहुत अच्छी तरह से डिजाइन किया गया था.'
(इनपुट आईएएनएस के साथ)