WHO ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की, कोरोना संकट के दौरान उठाए कदमों को बताया बेहतरीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कोरोना संकट के दौरान उठाए गए कदमों की तारीफ करते हुए आर्थिक राहत पैकेज के कदमों का स्वागत किया है.
नई दिल्लीः WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है और कोरोना वायरस के खिलाफ भारत सरकार के कदमों को बेहतरीन बताया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टी. ए. गेब्रेयेसस ने कहा है कि गरीबों के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो आर्थिक राहत पैकेज का एलान किया है वो इस संकट की घड़ी में बेहद काम आएगा. इसके साथ ही उन्होंने अन्य विकासशील देशों के लिए भारत को एक उदाहरण बताया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के लिए जारी किए गए 24 अरब डॉलर के पैकेज का स्वागत किया. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए खाने का मुफ्त राशन देने और अगले 3 महीनों के लिए गरीबों के लिए जो कदम भारत सरकार ने लिए हैं वो काफी अच्छे हैं.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विश्व की कई सरकारों ने सामाजिक कल्याण के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए और ये सुनिश्चित किया कि उन लोगों को खाने-पीने और दूसरी जरूरी वस्तुओं की दिक्कत न हो जो इस संकट के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहे हैं.
उन्होंने इसके लिए भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने 24 अरब डॉलर के पैकेज का एलान किया है. इसमें लोगों को खाने का मुफ्त राशन देने से लेकर 204 मिलियन गरीब महिलाओं को सीधा कैश ट्रांसफर करने जैसे फैसले बेहतरीन हैं. इसके अलावा अगले 3 महीनों के लिए देश के 8 करोड़ परिवारों के लिए मुफ्त कुकिंग गैस का सरकार का एलान लोगों को सीधा मदद पहुंचाएगा जिसकी इस संकट के समय में बहुत जरूरत थी.
हालांकि उन्होंने कई विकासशील देशों के लिए कहा कि कई विकासशील देश इस तरह के सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों को लागू कर पाने में विफल साबित हो रहे हैं. लोगों की अच्छी देखभाल करने और आर्थिक ढांचे को ढहने से रोकने के लिए ऐसे देशों को कर्जों से मुक्ति पाने की बेहद बड़ी जरूरत है.
पहले भी जताया था भारत पर भरोसा बता दें कि 23-24 मार्च के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उम्मीद जताई थी कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करे. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का भविष्य काफी हद तक इस बात से तय होगा कि भारत जैसे घनी आबादी वाले और बड़े मुल्क क्या कदम उठाते हैं.