नई दिल्लीः भारत पर पड़ी कोरोना की मार अब पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन गई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) ने भारत का उदाहरण देते हुए पूरी दुनिया को आगाह किया है कि लापरवाही हुई तो हिंदुस्तान जैसे हालात हो जाएंगे. डब्लूएचओ के डॉ. हांस क्लूगे ने कहा, ''डब्लूएचओ ने भारत में पाए गए B-1617 वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट में शामिल किया है, क्योंकि यूरोप में कई देशों में ये वैरिएंट पाया गया है. ये समझना जरुरी है कि भारत जैसे हालात दुनिया में कहीं भी हो सकते हैं.''
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना का ये भारतीय वैरिएंट यूरोप के 17 देशों में पाया जा चुका है. हालांकि, भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए भारतीय वैरिएंट ही जिम्मेदार है इस संबंध में अभी कुछ भी साफ नहीं कहा है.
15 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं
कोरोना की रोकथाम के लिए देश में कोविड-19 टीके की 15 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. इनमें 93,67,520 स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक और 61,47,918 स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. वहीं अग्रिम मोर्चा के 1,23,19,903 कर्मियों को पहली और 66,12,789 कर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र के 5,14,99,834 लाभार्थियों को पहली और 98,92,380 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. वहीं 45 से 60 उम्र के 5,10,24,886 लाभार्थियों को पहली और 31,55,418 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
मंत्रालय ने बताया कि देश में दिए गए कुल टीकों में से 67.18 प्रतिशत खुराकें महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल, बिहार और आंध्र प्रदेश में दी गई हैं.
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