WHO On Gambia Deaths: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार (16 दिसंबर) को कहा कि वह गाम्बिया (Gambia) में बच्चों की मौत के संभावित लिंक को लेकर भारत (India) में बनी चार खांसी की दवा के बारे में उठाए गए अलर्ट पर कायम है. 'द इंडियन एक्सप्रेस' की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसका मकसद संभावित जोखिम के बारे में वैश्विक अलर्ट जारी करना है. संगठन के एक बयान में कहा गया कि डब्ल्यूएचओ अपनी की गई कार्रवाई पर कायम है.
WHO के बयान में कहा गया कि जब कई बच्चे रहस्यमय बीमारी से मर जाते हैं, तो यह एक त्रासदी है. इसलिए डब्ल्यूएचओ को इसे लेकर जल्द रिस्पांस करना पड़ा. एजेंसी ने इंडोनेशिया (Indonesia) में बच्चों में ठीक उसी तरह की गुर्दे से जुड़े मामले सामने आने के बाद दूसरे देशों से भी उन चार कफ सिरप की तलाश किए जाने लेकर अलर्ट पर रहने के लिए कहा था. डब्लूएचओ ने कहा था कि गाम्बिया में 70 बच्चों की किडनी में इंजरी से मौत हो गई थी, जो भारत में बनाई गई सिरप से जुड़ी हो सकती है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार (13 दिसंबर) इंटर गवर्नमेंटल एजेंसी को चिट्ठी लिखकर बताया कि इसने मौत की वजह में समयपूर्ण कटौती की है.
WHO ने क्या कहा?
WHO ने शुक्रवार को अपने बयान में यह भी कहा कि संगठन ने घाना और स्विटजरलैंड में लैबोट्री को इसकी जांच के लिए संपर्क किया. इसमें गाम्बिया से संदिग्ध कफ सिरप की जांच की गई. इस लैब टेस्टिंग में कफ सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल और डाय-एथिलीन ग्लाइकॉल के अतिरिक्त स्तर की पुष्टि की गई, जो इंसानों के लिए जानलेवा हो सकता है.
डब्ल्यूएचओ ने बयान में यह भी कहा, ये सिरप खतरनाक हैं और किसी भी दवा में नहीं होना चाहिए. इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया और भारत में अधिकारियों के साथ-साथ संदिग्ध कफ सिरप बनाने वाली मेडेन फार्मास्युटिकल्स के निर्माता के साथ तुरंत लैब टेस्ट के रिजल्ट को साझा किया.
भारत में बने कफ सिरप पर आरोप
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीकी देश गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत को भारत में बने कफ सिरप (Cough Syrup) से जोड़ा था. इसे बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक बताते हुए संगठन ने भारत में बनी इन 4 कफ सिरप के खिलाफ अलर्ट जारी किया था. डब्ल्यूएचओ ने कहा था, "गाम्बिया में गुर्दों की हालत बेहद खराब हो जाने की वजह से बच्चों की मौत हुई. बहुत मुमकिन है कि भारत में बने इन कफ सिरप्स के इस्तेमाल के चलते ही ऐसा हुआ हो."
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