WHO टेक्नलॉजी साझा करने वाले ग्रुप में भारत बायोटेक को शामिल करने के लिए कर रहा है बातचीत
डब्ल्यूएचो की ओर से कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी देने के बाद डिजिटल माध्यम से आयोजित सवाल-जवाब सत्र में कहा कि यह बातचीत पहले से ही चल रही है.
WHO News: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत बायोटेक को वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के प्रौद्योगिकी साझा करने वाले समूह में शामिल करने के लिए कंपनी के साथ बातचीत कर रहा है. डब्ल्यूएचओ की एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी दे दी है. ‘एक्सेस टू मेडिसिन एंड हेल्थ प्रोडक्ट्स’ (दवाइयों और स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच) के लिए डब्ल्यूएचो की सहायक महानिदेशक डॉ मरिअंगेला सिमाओ ने कहा, “मेरे ख्याल से यह बहुत अहम है कि अलग-अलग महाद्वीपों में टीकों का उत्पादन बढ़ा है.”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम कोविड प्रौद्योगिकी साझा करने वाले समूह में भारत बायोटेक को शामिल करने को लेकर कंपनी के साथ बातचीत कर रहे हैं.’’
डॉ सिमाओ ने कहा कि कोविड प्रौद्योगिकी साझा करने वाला समूह एक ऐसा मंच है, जिसके जरिए डब्ल्यूएचओ कोविड टीकों और इलाज के संबंध में प्रौद्योगिकी साझा करने, व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने और लाइसेंस को लेकर अन्य साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित करता है.
उन्होंने डब्ल्यूएचो की ओर से कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी देने के बाद डिजिटल माध्यम से आयोजित सवाल-जवाब सत्र में कहा कि यह बातचीत पहले से ही चल रही है और इससे दूसरे देशों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में मदद मिल सकेगी.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से भारत बायोटेक के कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग के लिए मंजूरी मिलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इससे भारतीय नागरिकों को यात्रा करने में आसानी होगी और टीके की समता में भी इसका योगदान रहेगा.
जयशंकर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की वैश्विक मान्यता भी है. विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ''कोवैक्सीन को आपात उपयोग सूची में मंजूरी प्रदान किए जाने के निर्णय का स्वागत करता हूं. यह भारतीय नागरिकों को यात्रा करने में आसानी और टीका समता में योगदान देगा.''