नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के विश्व-भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में बोलते हुए देश में महिलाओं के उल्टे पल्लू की साड़ी पहनने की शुरूआत को लेकर रोचक जानकारी दी.


 उन्होंने बताया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई और देश के पहले आईसीएस अफसर सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी ज्ञानंदिनी देवी ने बाएं कंधे पर महिलाओं को साड़ी का पल्लू बांधना सिखाया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ की आईसीएस अफसर के रूप में नियुक्ति गुजरात के अहमदाबाद में हुई थी.


सत्येंद्रनाथ की पत्नी ज्ञानंदिनी जी अहमदाबाद में रहतीं थीं. स्थानीय महिलाएं दाहिने कंधे पर पल्लू रखतीं थी, जिससे महिलाओं को काम करने में दिक्कत होती थी. ज्ञानंदिनी देवी ने आइडिया निकाला- क्यों न पल्लू बाएं कंधे पर लिया जाए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अब मुझे ठीक-ठीक तो नहीं पता लेकिन कहते हैं- बाएं कंधे पर साड़ी का पल्लू उन्हीं (ज्ञानंदिनी देवी) की देन है. वीमेन इंपावरमेंट से जुड़े संगठनों को इस बात का अध्ययन करना चाहिए.


प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और गुजरात के गहरे संबंधों का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, गुरुदेव के बारे में बात करता हूं तो गुरुदेव और गुजरात की आत्मीयता का स्मरण कराने के मोह से रोक नहीं पाता. ये बार-बार याद करना इसलिए जरूरी भी है क्योंकि ये हमें एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना से भरता है.


अलग-अलग बोलियों, खानपान वाला हमारा देश एक दूसरे से कितना जुड़ा है? विविधताओं से भरा हमारा देश एक है. बहुत कुछ एक दूसरे से सीखता रहा है.


यह भी पढ़े.


शांति निकेतन के 100 साल: पीएम मोदी बोले- भारत की आत्मा, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान एक दूसरे से जुड़े हुए


राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी बोले- किसान कानून वापस लेने ही होंगे, भारत में सिर्फ कल्पना में लोकतंत्र