नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञ कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति के मामले में अपनी जांच शुरू करने को लेकर वुहान शहर का दौरा करेंगे, जहां 2019 के दिसंबर में सबसे पहले वायरस का पता चला था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि विशेषज्ञ गुरुवार को वुहान पहुंचेंगे. उनके कार्यक्रम का अन्य ब्योरा घोषित नहीं किया गया है और चीन सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी अन्य कोई जानकारी नहीं दी.


कई महीने से इस दौरे की उम्मीद की जा रही थी. WHO प्रमुख टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने पिछले हफ्ते इस बात पर निराशा प्रकट की थी कि दौरे को अंतिम रूप देने में लंबा समय लग रहा है. चीन ने सोमवार को WHO के अधिकारियों के दौरे की घोषणा की, जिसके बाद टेड्रोस ने कहा कि अनेक देशों के वैज्ञानिक इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि कोरोना वायरस सबसे पहले मनुष्य तक कैसे पहुंचा.


WHO की टीम को दो हफ्ते तक रहना पड़ सकता है क्वारंटीन
WHO की एक्सपर्ट टीम में 10 साइंटिस्ट होंगे, जोकि वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने की कोशिश करेंगे. ये टीम सिंगापुर से निकलेगी और सीधे वुहान पहुंचेगी. माना जा रहा है कि वुहान पहुंचने पर इन साइंटिस्टों को दो हफ्ते के लिए क्वारंटीन में रहना पड़ेगा. बता दें कि ये चांज पिछले हफ्ते ही शुरू होने वाली थी, लेकिन आखिरी वक्त पर चीन में एंट्री की इजाज़त नहीं मिली.


एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बात का पता लगाना बेहद ज़रूरी है कि वायरस जानवरों से इंसानों में कैसे पहुंचा, ताकि एक और महामारी से बचा जा सके. टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘शुरुआती मामलों में संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू होंगे.’’


चीन स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज करता रहा है, वहीं कोरोना वायरस की उत्पत्ति के मामले में सभी अध्ययनों पर सख्ती से नियंत्रण रख रहा है. वह इस तरह की धारणाओं को भी हवा दे रहा है कि कहीं बाहर से चीन में यह वायरस आया हो सकता है.


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