World Health Organization On Covid-19: नए साल पर कोरोना के खतरे को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की ओर से दुनिया को आगाह किया गया है. WHO के पैंडेमिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना महामारी (Coronavirus) की नई लहर आ सकती है. अमेरिका (USA) के कई शहरों में कोविड का नया वेरिएंट XBB.1.5 बहुत तेजी से फैला है. यह 29 देशों में फैल चुका है और अब इसके अन्‍य देशों में भी फैलने के आसार हैं.


WHO के एक्सपर्ट्स ने ये बातें ग्लोबल प्रेस कांफ्रेंस में कहीं. जहां एबीपी न्यूज के सवाल पर एक एक्सपर्ट ने XBB.1.5 की गंभीरता को लेकर भी बात की. उन्‍होंने कहा कि XBB.1.5 तेजी से फैल रहा है. हालांकि यह जरूरी नहीं है नए वेरिएंट की वजह से आई लहर केसेस को मौत के मामलों में बदल दे. उन्‍होंने कहा कि सर्विलांस बीते एक महीने में घटा है और कोरोना से हुई मौत के मामले बढ़े हैं. WHO के एक्सपर्ट ने चीन की तरफ से मुहैया कराए गए डेटा को भी नाकाफी बताया. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण और मरने वालों की संख्या पर चीन सही तस्वीर दिखाए.


'ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट को ट्रैक करना मुश्किल'


कोविड-19 पर WHO की टैक्निकल लीड मारिया वैन कारखोवा ने कहा कि XBB.1.5 सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक  सब-वेरिएंट है. हालांकि कोरोना के और भी वेरिएंट एक्टिव हो सकते हैं, क्योंकि वैश्विक स्तर पर सीक्वेंसिंग की उपलब्धता कम हुई है. उन्‍होंने कहा, ''अभी हमारे लिए ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट को ट्रैक करना मुश्किल है.'' 


अब तक 29 देशों में फैल चुका XBB.1.5


उन्‍होंने कहा, ''अब तक XBB.1.5 सब-वेरिएंट 29 देशों में फैल चुका है. साथ ही अभी तक यह सामने आया है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है. यह अभी तक का सबसे तेजी से फैलने वाला कोरोना वायरस सब-वेरिएंट है, जिसका अभी तक चला है. यह सेल पर तेजी से अटैच होता है और ऐसे में इसे फैलाव के लिए एक एडवांटेज हासिल है. हम इसको लेकर चिंतित हैं.''


'कोरोना के और वेरिएंट भी सामने आ सकते हैं'
उन्‍होंने कहा, ''उत्तरी अमेरिका, यूरोप के कुछ देशों में XBB.1.5 का विस्तार जिस तेजी से हुआ है, उसने अन्य वेरिएंट को पीछे छोड़ दिया है. वायरस के इवोल्यूशन पर WHO का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप इस पर नजर रख रहा है और 3 जनवरी को हुई बैठक में चीन के कोरोना संक्रमण के साथ-साथ XBB.1.5 पर भी बात हुई. हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि यह कितना संक्रामक है औऱ क्या यह इम्यूनिटी को तोड़ सकता है? साथ ही इस बात का डर भी बना हुआ है कि वायरस के फैलाव के कारण इसके और वेरिएंट भी सामने आ सकते हैं.''


उन्‍होंने कहा, ''आशंका है कि दुनिया में कोरोना संक्रमण की और वेव आ सकती हैं. मगर, यह जरूरी नहीं है कि कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में भी वेव नजर आए क्योंकि कोरोना के खिलाफ हमारे उपाय काम कर रहे हैं. वायरस इवोल्यूशन पर टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप इस सब वेरिएंट पर एक रिस्क असेसमेंट कर रहा है. इसे हम अगले कुछ दिनों में जारी करेंगे. 


'XBB.1.5 की गंभीरता पर है हमारी नजर'


उन्‍होंने कहा, ''अभी हमारे पास XBB.1.5 से होने वाली गंभीरता और उसे क्लीनिकल पक्ष पर अधिक जानकारी नहीं हैं. हालांकि हम इस पर करीब से नजर रखे हुए हैं और इसका अध्ययन कर रहे हैं. इस बीच हम यह जरूर कहना चाहेंगे कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस पर लगातार सर्विलांस जरूरी है, ताकि फैल रहे सब-वैरिएंट का पता लगाया जा सके.''


'मौत के आंकड़ों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई'


उन्‍होंने कहा, ''WHO तक पहुंचा डेटा बताता कि बीते एक महीने में 1.3 करोड़ जो एक छोटा आंकड़ा है क्योंकि सर्विलांस कम हुआ है. मगर अधिक चिंता की बात है कि इस दौरान मौत के आंकड़ों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यह हालांकि कम संख्या है क्योंकि मौत के आंकड़ों की रिपोर्टिंग में देरी होती है. साथ ही छुट्टियों का भी सीजन चल रहा था. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि कोरोना वायरस पर लगातार नजर रखी जाए ताकि हमें महामारी का फैलाव का पता चल सके और रोकथाम के उपाय कर सकें.''


चीन में BF.5 सब वेरिएंट ज्‍यादा फैल रहा है


चीन में कोरोना के प्रकोप से जुड़े सवाल पर उन्‍होंने कहा, ''जो डेटा चीन के CDC ने उपलब्ध करवाया है उससे पता चलता है कि वहां अधिकतर BF.5 सब वेरिएंट ही अधिक फैल रहा है. हालांकि हमें अभी और सीक्वेंसिंग डेटा की चीन से जरूरत है. साथ ही यह जानकारियां पब्लिक डेटाबेस में साझा की जानी चाहिए, ताकि इसका अधिक गहराई से विश्लेषण हो सके. चीन से और अधिक डेटा की अपेक्षा है.''


चीन अधिकारियों के साथ होगी WHO के अधिकारियों की बैठक


WHO से जुड़े डॉ माइक रायन ने कहा, ''चीन के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों और CDC पदाधिकारियों से हमारी पिछले हफ्ते बैठक हुई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन 5 जनवरी को WHO मिशन, सदस्य देशों के साथ बैठक करेगा और इस दौरान चीन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे.'' उन्‍होंने कहा कि बैठक वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण पर ब्रीफिंग के लिए बुलाई गई है.


चीन में कोरोना संक्रमण को डेटा के बारे में डॉ माइक रायन ने कहा, ''अभी भी हमारे पास चीन में कोरोना संक्रमण को लेकर पूरा डेटा नहीं है. साथ ही कोरोना से होने वाली मौत की रिपोर्टिंग और रिकॉर्डिंग के पैमानों को लेकर भी हमारी चिंताएं हैं. हमें लगता है कि इसे परिभाषित करने के लिए पैमाना बहुत छोटा रखा गया है. हम जानते हैं कि सभी देशों में हॉस्पिटल में दाखिले, रिलीज और आईसीयू भर्ती के डेटा को रिकॉर्ड करने में मुश्किलें हैं.''


'संक्रमण की वास्तविकता नहीं बताते चीन के आंकड़े'


बकौल डॉ माइक रायन, ''हमारा मानना है कि चीन की तरफ से जो आंकड़े बताए जा रहे हैं वो कोरोना संक्रमण की वास्तविकता नहीं बताते हैं और अस्पताल में भर्ती लोगों, आईसीयू में मौजूद मरीजों और मरने वालों की सही सूचना नहीं देते हैं. हमें चीन के अलग-अलग इलाकों से डेटा चाहिए है. चीन की तरफ से आने वाले सीक्वेंसिंग डेटा से हमें मदद मिली है''.


उन्‍होंने कहा, ''इस घटनाक्रम के दो सबक हैं. पहला, अगर आपके यहां बेहतर सर्विलांस सिस्टम नहीं है और कोरोना सब-वेरिएंट परेशान कर रहा है तो आपको इस मुसीबत के प्रभाव को समझने में देर होगी. साथ ही अगर आपके यहां वैक्सीन कवरेज कम है तो बीमार लोगों की संख्या बढ़ेगी. वहीं, अगर आपका स्वास्थ्य तंत्र लगातार अपडेट नहीं कर रहा है तो लहर आने पर उसे संघर्ष करना पड़ेगा. चीन इसे समझने के लिए बेहतर उदाहरण है. बीते दो सालों में कई देश अलग-अलग तरह की स्थितियों से गुजरे हैं. इसे समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है. कोरोना इसी तरह नुकसान करता है. अगर आपके पास अच्छा सर्विलांस सिस्‍टम, बेहतर वैक्सीन कवरेज और स्वास्थ्य सिस्टम की मजबूत तैयारी नहीं है तो तकलीफ बढ़ना स्वाभाविक है.''


उन्‍होंने कहा, ''कोरोना से होने वाले मौत के मामलों में यह बात सभी देशों के लिए लागू होती है, लेकिन खासतौर पर चीन के संदर्भ में हम कहना चाहेंगे कि कोरोना से होने वाली मौत की परिभाषा और रिपोर्टिंग में पारदर्शिता होना जरूरी है. डॉक्टर्स और नर्स को कोरोना से होने वाली मौत के आकंड़ों की रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है.''


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